संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा- मानवता दांव पर, दूसरे विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौती है कोरोना

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संयुक्त राष्ट्र.एन पी न्यूज 24  – संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोरोना वायरस को दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती करार दिया और कहा कि हालिया इतिहास में ऐसा भयानक संकट नहीं पैदा हुआ। यह महामारी न केवल लोगों की जान ले रही है, बल्कि आर्थिक मंदी की ओर भी ले जा रही है। इन दो तत्वों का मेल और यह तथ्य कि यह अस्थिरता, अशांति और संघर्षो को जन्म देगा…इनसे हमें यह मानने को मजबूर होना पड़ रहा है कि वास्तव में यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ा संकट है। मानवता दांव पर है।

‘‘ट्रस्ट फंड’’ की वकालत : उन्होंने इस महामारी से निपटने के लिए एक नया बहु-साझेदारी वाला ‘‘ट्रस्ट फंड’’ बनाने की वकालत करते हुए कहा, ”जब हम इस संकट से उबर जाएंगे जो कि हम निश्चित ही उबरेंगे, उसके बाद हमारे सामने एक सवाल होगा। या तो हम अपनी दुनिया में लौट जाएं जो पहले के जैसी थी या फिर हम उन मुद्दों से निर्णायक तरीके से निपटें जो हमें संकटों के प्रति अनावश्यक रूप से कमजोर बनाते हैं।

मौजूदा स्थिति :एक अनुमान के अनुसार, दुनिया में कोरोना वायरस के 8,50,500 पुष्ट मामले सामने आए हैं और 41,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में अब दुनिया के सर्वाधिक 1,84,183 मामले हैं और यहां मरने वालों का आंकड़ा चार हजार को पार कर गया है।

ढाई करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी : संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, इस महामारी के कारण 50 लाख से लेकर ढाई करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी और अमेरिका को श्रमिक आय के रूप में 960 अरब से लेकर 3.4 खरब डालर का नुकसान होगा।

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