न्यूयॉर्क. एन पी न्यूज 24 – घातक हथियारों और मजबूत अर्थव्यवस्था के दम पर पूरी दुनिया पर धौंस जमाने वाला अमेरिका भी कोविड-19 के सामने पस्त है। डोनाल्ड ट्रंप की सरकार तमाम कोशिशें कर रही है, लेकिन सूक्ष्म कोरोना कंट्रोल में नहीं आ रहा है, लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है। आलम यह है कि अमेरिका कोरोना से दुनिया का सबसे अधिक संक्रमित देश बन चुका है। यहां एक लाख से अधिक पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है। इस बीच, नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी ऐंड इन्फेक्शन डिजिज (एनआईएआईडी) के डायरेक्टर ने जो अनुमान जताया है उससे पता चलता है कि कोरोना वायरस ट्रंप सरकार की हालत और भी खराब करेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रेंप ने इस बीच कहा है कि अमेरिका में मौत के आंकड़े को हम एक लाख तक भी सीमित कर पाते हैं, तो इसका मतलब होगा कि प्रशासन ने काफी बेहतर तरीके से अपना काम किया है। ट्रेप का यह बयान उनके पहले के बयानों के ठीक उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईस्टर तक उनके देश की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट आएगी।
अब ट्रंप ने कहा कि संभवत: जून तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र भी चपेट में : दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश में कोरोना के 1.3 लाख केस की पुष्टि हो चुकी है और 2300 से अधिक लोगों की जान गई है। यह वायरस अमेरिका के डेट्रायट, न्यू ऑरलींस और शिकागो में अपनी पकड़ जमा रहा है। यहां तक अमेरिका का ग्रामीण क्षेत्र भी वायरस से नहीं बचा है।
यह है स्थिति : अमेरिका के अस्पतालों में सिर्फ 10 लाख बेड हैं जिसका मतलब है कि 1000 लोगों पर सिर्फ 2.8 बेड उपलब्ध हैं। अमेरिकन हॉस्पिटल असोसिएशन के मुताबिक आईसीयू में 1,00,000 से भी कम बेड हैं जिनमें से ज्यादातर पर पहले से ही मरीज हैं। गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर भी सिर्फ 1,60,000 हैं जो जरूरत के मुताबिक काफी कम हैं। अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और मास्क खत्म होने की कगार पर हैं जिससे हालात की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। बाजार से राशन कम होता जा रहा है। टॉइलट पेपर पहले ही गायब हो चुके हैं।