रांची. एन पी न्यूज 24 कोरोना को जारी देश में जारी लड़ाई में मंगलवार को खतरनाक मोड़ आया, जब तब्लीगी जमात में शामिल देश भर के लोगों में से कुछ की तबीयत खराब होने लगी। इसे बाद जमात में शामिल लोगों को खुद आगे आने की अपील की गई। इसके बाद हर राज्य से संक्रमितो और संदिग्धों की खबरें आने लगीं। ऐसे में झारखंड के एक मंत्री ने अपने बेटे के तब्लीगी जमात में शामिल होने की जानकारी को छिपाया।
हेमंत सरकार में मंत्री हाजी हुसैन का बेटा नई दिल्ली में तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुआ था, लेकिन उन्होंने यह बात छिपाने की भरपूर कोशिशें की। खुलासा होने के बाद भी परिवार यह दावा करता रहा कि कोई दिल्ली नहीं गया था संवैधानिक पद पर रहते हुए गंभीर कोताही बरतने वालों में हाजी हुसैन अंसारी का नाम भी जुड़ गया, जिसकी कतई अपेक्षा नहीं थी। मंत्री के पुत्र तनवीर का नाम मोबाइल नंबर के साथ पुलिस की विशेष शाखा की सूची में था। इसके बाद भी वह क्वारंटाइन किए जाने के वक्त दावा कर रहे थे कि वह दिल्ली नहीं गए। अब हाजी हुसैन अंसारी के बेटे को प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड भेज दिया है, जबकि मंत्री को होम क्वारंटाइन में रखा गया है।
इससे पहले लॉकडाउन की धज्जियां : इससे पहले भी सरकार के एक और मंत्री आलमगीर आलम ने तमाम नियमों और लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए बसों में ठूंस-ठूंसकर लोगों को रांची से बाहर भिजवाने का काम किया था। आपदा प्रबंधन के सख्त नियमों को दरकिनार करते हुए चार सौ लोग 9 बसों में रांची से बाहर विभिन्न जिलों में भेजे गए। खबर आने और दबाव बढ़ने के बाद 400 लोगों को पाकुड़ में क्वारंटाइन किया गया।
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