Indian Idol : बिना संगीत सीखे, कभी सड़क किनारे जूते पॉलिश करने वाले सनी बने ‘इंडियन आइडल 11’ के विनर
मुंबई : एन पी न्यूज 24 – वो कहते है न कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इसका जीता-जगता उदहारण सनी हिंदुस्तानी है। जिन्होंने कभी सड़क किनारे जूते पॉलिश कर घर चलता था आज वह इंडियन आइडल सीजन 11 के विजेता बन गए हैं। इंडियन आइडल ने अब तक कई हुनरमंद सिंगर्स की खोजकर उन्हें नया मुकाम दिया और संगीत की दुनिया को नए हीरे दिए। इस बार भी इंडियन आइडल 11 ने ऐसे ही हीरो को तराशा है। जीत के बाद सनी को 25 लाख की इनामी राशि के साथ चमचमाती ट्रॉफी और टाटा अल्ट्रोज कार प्रदान की गई।
इसके साथ ही हिमेश की अगली फिल्म में उन्हें गाने का मौका मिलेगा। सनी हिंदुस्तानी की अपनी आवाज का बदौलत आज उन्हें नया मुकाम मिला। हालांकि सनी ने शो की शुरुआत में बताया था कि उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, जिसके चलते वह जूते पॉलिश करने का काम करते हैं। सनी हिंदुस्तानी ने बताया था कि उनकी मां घरों में काम करती हैं, जिससे उनका घर चल पाता है। सनी के संघर्ष की कहानी बेहद भावुक है। जिसे जानकर हर किसी की आँख नम हो जाएगी।
कौन हैं सनी हिन्दुस्तानी –
सनी मूल रूप से पंजाब के बठिंडा के रहने वाले हैं और अब वह इंडियन आइडल सीजन 11 के विजेता बन गए हैं। शो में आने से पहले सनी सड़क किनारे जूते पॉलिश करते थे, जबकि उनकी मां गुब्बारे बेचती थीं। उन्होंने बताया था कि कई दफा हालात ऐसे हो जाते थे कि उनकी मां दूसरों के घरों में चावल भी मांगने पड़ते थे। गाने का शौक सनी को बचपन से था। सनी हिंदुस्तानी ने कभी भी संगती की शिक्षा नहीं ली है. उन्होंने गाने सुनकर संगीत सीखा। उन्होंने पहली बार नुसरत फतेह अली खान का गाना ‘वो हटा रहे हैं परदा’ एक दरगाह पर सुना था। उस गाने को सुनकार वह रोने लगे। बस यही से उन्हें गायकी का शौक लगा. इसके बाद वह नुसरत फतेह अली खान सहित कई गायकों को गाना शुरू कर दिया था।
सनी हिंदुस्तान ने अपने संघर्ष का पूरा श्रेय मां को दिया था। उन्होंने कहा था कि अब अंत तक जो भी होगा अच्छा ही होगा और अंत में वह ट्रॉफी लेकर अपने साथ वापस लौटे हैं।