मुंबई : एन पी न्यूज 24 – महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उद्धव ठाकरे की उम्मीदें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर जा टिकी हैं और यही वजह है कि राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाने के लिए कैबिनेट लगातार गुहार लगा रहा है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाते हुए उद्धव कैबिनेट ने सोमवार को एक बार फिर उनसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनोनीत करने को कहा। कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी चुनाव टाले जाने की वजह से उद्धव ठाकरे चुनाव लड़कर विधायक नहीं बन पाए हैं।
दरअसल, उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद संभाला था और उन्हें पद पर बने रहने के लिए अब एक महीने के भीतर ही विधानमंडल का सदस्य बनना होगा, क्योंकि उसके बाद 6 महीने की समय सीमा समाप्त हो जाएगी। अब तक वह राज्य विधानसभा अथवा परिषद के सदस्य नहीं हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि भगत सिंह कोश्यारी से विधान परिषद में राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने वाले दो सदस्यों में से एक सदस्य के तौर पर उद्धव ठाकरे को मनोनीत किए जाने की सिफारिश की जाए। इससे पहले भी इस महीने की शुरुआत में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्यपाल से ऐसा ही निवेदन किया गया था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी चुनाव टाले जाने की वजह से ठाकरे चुनाव लड़कर विधायक नहीं बन पाए हैं।
उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत करने को लेकर अब तक कोश्यारी ने मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में शिवसेना सांसद संजय राउत ने देरी को लेकर पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे लेख में रविवार को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा था। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को विधान परिषद की 9 और सीटें खाली हुई हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे को उम्मीद थी कि वो इनमें से किसी एक सीट से चुनाव जीत जाएंगे और मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हालांकि कोरोना वायरस के चलते यहां पर चुनाव अभी टाल दिए गए हैं।
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