नई दिल्ली.एन पी न्यूज 24 – लॉकडाउन घोषित होते ही लोग तो घरों में कैद हो गए, लेकिन भारी समस्या अप्रवासी मजदूरों को लेकर हो गई है। वाहन नहीं होने की स्थिति में जिस तरह शहरों में काम करने वाले मजदूरों ने पलायन करना शुरू किया, उससे धारा 144 का उद्देश्य धरा का धरा ही रह गया। कारवां सा निकल पड़ा। पैदल सैकड़ों किलोमीटर दूर जाने के लिए लोग निकल पड़े। बुजर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी शामिल थे। यह स्थिति देख केंद्र सरकार ने राज्यों को सख्ती से लॉकडाउन पालन कराने का निर्देश दिया है। केंद्र ने राज्यों को कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए सभी इंतजाम किए जाएं, जहां वे मौजूद हैं। केंद्र ने कहा कि मजदूरों को वक्त पर वेतन दिया जाए। अगर कोई छात्रों और मजदूरों को घर खाली करने कहता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बार्डर सील किए जाएं : साथ ही हर राज्य और जिले के बॉर्डर पूरी तरह से सील किये जाएं, ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य में और एक जिले से दूसरे जिले में लोगों की अनियमित मूवमेंट पर रोक लगाई जा सके। हाईवे पर किसी तरह की आवाजाही नहीं होनी चाहिए। सड़कों पर सिर्फ सामान ढोने वाले गाड़ियों को गुजरने की अनुमति दी जाए। केंद्र सरकार ने इस महामारी से सख्ती से निपटने की योजना के तहत हर जिले के डीएम और एसपी को ये जिम्मेदारी दी है कि वो लॉक डाउन को असरदार तरीके से लागू करवाएं। गौरतलब है कि 28 मार्च को दिल्ली के आनंद विहार में और कौशाम्बी में भी भारी मात्रा में मूवमेंट देखने को मिली थी। कोरोनावायरस के फैलाव को देखते हुए ये बेहद खतरनाक स्थिति बन सकती है। इसलिए सरकार कोई भी चूक नहीं होने देना चाहती है।
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को क्वारंटाइन करें : केंद्र ने कहा है कि जिन्होंने भी लॉक डाउन का उल्लंघन किया है उन्हें सरकार की तरफ से मुहैया करवाई गई 14 दिन की क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी में रखा जाए। इस बाबत विस्तृत आदेश सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को दे दिए गए हैं। कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय राज्य के मुख्य सचिवों से लगातार संपर्क में है और हालात पर निगरानी रखी जा रही है। दिल्ली के सभी थानों को वायरलेस सेट के जरिए आदेश दिया गया है कि अगर कोई मजदूर या दूसरे लोग सड़कों पर दिख रहे हैं तो उन्हें वहीं रोका जाए और समझा बूझाकर घर भेजा जाए।