नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24- कहते है कि आविष्कार आवश्यकताओं की जननी होती है और यह साबित भी हो रहा है। आज जब पूरा विश्व कोरोना के संक्रमण से जूझ रहा है, तो ऐसे में जहां कहीं भी आशा की किरण दिख रही है, लोग अनुकरण करते जा रहे हैं। अब जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के विद्यार्थियों ने इनोवेटिव समाधान खोज निकाला है। विश्वविद्यालय की स्टार्ट-अप टीम में एमबीए के दो विद्यार्थियों ललित फौजदार और नितिन शर्मा ने जियो-फेंसिंग तकनीक का उपयोग करते हुए एक मोबाइल एप तैयार किया है। इस एप को कवच का नाम दिया गया है। इस तकनीक के माध्यम से अगर कोई संक्रमित व्यक्ति 5 से 100 मीटर के दायरे में आता है, तो उसका अलर्ट मिल जाएगा। इसके साथ ही यह चेतावनी देगी कि आप उन स्थानों पर न जाएं, जहां संभावित संक्रमित व्यक्ति पिछले 24 घंटे में आया हो।
फिलहाल एप को तैयार कर इसका प्रोटोटाइप भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज दिया गया है। एप को प्ले स्टोर पर उपलब्ध करवाने के लिए गूगल इंडिया को भी भेजा गया है। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद यदि ऐप व्यवहार में आता है तो यह देश के साथ-साथ दुनिया भर में कोरोना संक्रमण को रोकने में एक कारगर उपाय साबित हो सकता है। बता दें कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 16 मार्च को कोविड-19 समाधान चुनौती लांच किया था। इस चुनौती के जरिए 31 मार्च तक कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए इनोवेटिव समाधान आमंत्रित किए थे। विश्वविद्यालय की टीम ने चुनौती को स्वीकार करते हुए 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद यह मोबाइल एप तैयार किया है।