पिंपरी। एन पी न्यूज 24 – कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बिगड़ते हालातों पर काबू पाने की कवायद के बीच असहायों की सहायता कर पुलिस की मानवतावादी तस्वीर कई जगह देखने मिल रही है। मगर पुणे- मुंबई एक्सप्रेस वे पर पुलिस की एक अलग ही तस्वीर सामने आई है। इसमें एक मरीज और उसके परिजनों को छोड़ने जा रही एम्बुलेंस को रोककर चालक के पिता के साथ मारपीट की गई। इसके बाद शुरू हुए आगे के सफर में पिता की हालत बिगड़ गई औऱ उनकी मौत हो गई। इस घटना में पुलिस के साथ साथअस्पतालों का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है, जहां डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया।
यह पूरा मामला गुरुवार की दोपहर एक बजे पुणे- मुंबई एक्सप्रेस वे पर उर्से टोलनाका का है। इसमें मरने वाले का नाम नरेश शिंदे (49, निवासी ठाणे) है। उनके पुत्र नीलेश शिंदे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए पूरा वाकया बयान किया है। नीलेश की एम्बुलेंस है जो ठाणे सिविल अस्पताल में कार्यरत है। गत रात वे एक मरीज और उसके परिजनों को लेकर अहमदनगर जिले के श्रीगोंदा जा रहे थे। सफर लंबा रहने से नीलेश ने अपने पिता को भी साथ में लिया। शुरू में उनके पिता ने एंबुलेंस चलाई उसके बाद वे सो गए और नीलेश ड्राइव करने लगा। आज दोपहर एक बजे के करीब उनकी एंबुलेंस उर्से टोलनाका पर पहुंची। यहां पुलिस ने उसे रोका और पैसेंजर ले जा रहे हो कहकर सभी को नीचे उतारा।
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शिंदे पिता- पुत्र पुलिसवालों को समझाते रहे कि उनकी एंबुलेंस में पैसेंजर नहीं बल्कि मरीज और उसके परिजन है, जिन्हें वे श्रीगोंदा छोड़ने जा रहे हैं। उनकी एंबुलेंस कार्डियक एंबुलेंस नहीं रहने से उसमें डॉक्टर नहीं है। मगर पुलिसवाले उनकी बात सुनने को तैयार न थे। इस बीच एक पुलिस वाले ने नीलेश के पिता को लाठी से मारा। दोनों पिता- पुत्र काफी मिन्नतें करते रहे लेकिन पुलिस वाले उनकी एंबुलेंस में पैसेंजर ले जाने की बात कहकर मामला दर्ज करने की धमकी देते रहे। इसके बाद उन्हें एक अधिकारी के पास ले जाया गया जहाँ उन्हें पांच हजार रुपए की मांग की गई। उनके पास उतने पैसे न थे, तब एंबुलेंस में सवार मरीज और उसके परिजनों ने तीन हजार रुपए दिए और मामला जैसे तैसे सुलझाया।
इसके बाद नीलेश ने एंबुलेंस चाकण की दिशा में आगे बढ़ाई। चाकण से आगे जाने पर उनके पिता की हालत बिगड़ गई उनके हाथ पैर टेढ़े हो गए, जीभ बाहर निकल आयी। रास्ते में कई अस्पतालों में गए लेकिन किसी ने उन्हें एडमिट नहीं किया। आखिर में शिक्रापूर स्थित एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया। मगर यहां डॉक्टरों ने उन्हें परीक्षण में ही मृत घोषित कर दिया। उनकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए पुणे के ससून हॉस्पिटल में भेजा गया। नीलेश का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रामनाथ पोकले ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद नरेश शिंदे की मौत की वजह स्पष्ट हो जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।जाएगी।