निर्भया केस : फांसी के खिलाफ निर्भया का एक और दोषी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, क्यूरेटिव याचिका दायर

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के सभी चार दोषियों को फांसी की सजा का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने सभी चार दोषियों पवन गुप्ता, मुकेश शिंह, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने चारों दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने 22 जनवरी की सुबह सात बजे दोषियों को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है।

इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय कुमार शर्मा के बाद अब एक और दोषी मुकेश सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया है। बता दें कि शीर्ष अदालत के फैसले पर पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाने के बाद दोषी के पास यही अंतिम कानूनी विकल्प बचा है। इसके पहले विनय शर्मा की तरफ से दायर की गई क्यूरेटिव याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितयों, उसके बीमार माता-पिता सहित परिवार के आश्रितों और जेल में उसके अच्छे आचरण तथा उसमें सुधार की संभावना के बिन्दुओं पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया है और जिसकी वजह से उसके साथ न्याय नहीं हुआ है।

विनय शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था –

विनय शर्मा ने अपनी याचिका में ये दलील देते हुए कहा था कि इस मामले में शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के बाद इसके तीन न्यायाधीशाों की पीठ ने रेप और हत्या से संबंधित कम से कम 17 मामलों में दोषियों की मौत की सजा उम्र कैद में तब्दील की है। गौरतलब हो कि निर्भया केस के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा, लेकिन दोषियों की कोशिश है कि उन्हें मिलने वाली फांसी की सजा में और देरी होती जाए। दोषी चाहते हैं कि उन्हें दी जाने वाली फांसी की तारीख टाली जाए।

क्या है क्यूरेटिव पिटीशन –

क्यूरेटिव पिटीशन पुनर्विचार याचिका से अलग होता है। इसमें फैसले की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिन्हित किया जाता है जिसमें उन्हें लगता है कि इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। अगर कोर्ट जरूरी समझता है तो इस पर सुनवाई कर सकता है, नहीं तो याचिका खारिज हो सकती है।

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