देश मांग रहा 21 दिन की राष्ट्रसेवा…कोरोना चेन को तोड़ने का सबसे बड़ा उपाय घऱ् में चैन से रहें 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की देश से अपील, पूरा विश्व इस प्रयास की कर रहा सराहना

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नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 –कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, संक्रमित लोगों के नए इलाकों में जाने से देश से राज्य और राज्य से शहर तक फैल रहा है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग, सेल्फ आइसोलेशन, क्वारंटाइन जैसी चीजें बहुत ही जरूरी हैं और ऐसा करने के लिए हमें सरकार या प्रशासन के सलाह की नहीं, खुद को गंभीरता से इस संकट से मुकाबले के लिए तैयार करने की जरूरत है।  मकसद यही है, लोगों में संक्रमण का चेन टूटे। कोरोना वायरस के चेन को तोड़ना है तो कुछ दिन चैन से घर पर रहना ही एकमात्र विकल्प है,  वो भी भारत जैसे विशाल देश में जिसकी आबादी 130 करोड़ है और आबादी का घनत्व भी काफी ज्यादा है। मोदी के इस प्रयास का पूरे विश्व में सराहना हो रही है।

अकेले एक के वश की बात नहीं : प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, मुझे विश्वास है हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के, स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा। लंबा समय है, लेकिन आपके जीवन की रक्षा के लिए, आपके परिवार की रक्षा के लिए, उतना ही महत्वपूर्ण है। कोरोना वायरस को रोकना अकेले प्रशासन के हाथ में नहीं है, अगर भारत के लोग खुद इसे रोकने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ना उठा लें।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन फेज में वायरस : कोरोना वायरस भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन फेज में पहुंच चुका है। जब ये इटली, अमेरिका, ईरान जैसे देशों की तरह काफी तेजी से फैल सकता है, तो यहां भी वैसी ही दशा हो सकती है, अगर हमने लापरवाही बरती।  ध्यान रखें, पॉजिटिव केस वाले मरीजों की संख्या को 100 तक पहुंचने में 45 दिन का वक्त लगा, लेकिन मात्र 6 दिन में ये संख्या 200 को पार करके  258 हो गई है। मतलब साफ है कि कोरोना तेजी से फैल रहा है।भारत में मात्र 4 मौत हुई है और काफी मरीज ठीक भी हुए हैं। दुनिया के पैमाने पर देखें तो चीन से शुरू इस बीमारी के मरीजों की संख्या को 1 लाख पार करने में तीन महीने का वक्त लगा लेकिन मात्र 12 दिन में ये संख्या 2 लाख को पार कर गई है और इस वक्त ढाई लाख के आसपास है।

यही एकमात्र उपाय : कोरोना खिलाफ लड़ाई में अब घर में रहना ही हमारा मूल्यवान सैनिक होने का सबूत है।  घर में रहकर ही कोरोना वायरस को मात दे सकते हैं। इसके सिवा कोई दूसरी रास्ता नहीं है। कोरोना वायरस से लोगों को बचाने में लगे डॉक्टर भी तो अपनी जान पर काम कर रहे हैं और इसी कारण घरों को नहीं आ पा रहे है। वे अपनी ड्यूटी में मुस्तैद हैं, हमें भी देश सेवा को मुस्तैदी के साथ निभाना होगा।

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