‘सिबिल स्कोर’ खराब होने के बावजूद मिल सकता है ‘क्रेडिट कार्ड’, जानें कैसे

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मुंबई :.एन पी न्यूज 24   – क्रेडिट कार्ड आज कल फैशन बन गया है। हर कोई इसे जेब में रखना चाहता है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो जाहिर तौर पर आपके पास बैंकों की ओर से क्रेडिट कार्ड के ऑफर से जुड़े फोन आते रहते होंगे। बैंक कर्मी तमाम तरह के मुफ्त ऑफर की पेशकश करते हुए लाइफ टाइम फ्री क्रेडिट कार्ड देने की बात भी करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि क्रेडिट कार्ड के लिए आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) बेहतर होना जरूरी है। सिबिल स्कोर को अच्छा करने के लिए 30/25/20 का फॉर्मूला जरूरी है।

क्या है सिबिल स्कोर?
सिबिल स्कोर 3 अंकों की एक संख्या है। इस पर आधारित एक रिपोर्ट बनती है। यह सिबिल रिपोर्ट कहलाती है। इसमें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की पूरी जानकारी होती है। इसका पता ‘खातों’ के विवरण से लगाया जाता है। इसमें क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट, उनके पेमेंट का स्टेटस और उन्हें चुकाने में बचे दिन का सिलसिलेवार उल्लेख होता है। स्कोर कर्ज लेने की पात्रता को दर्शाता है। यह लोन को अदा करने के पिछले रिकॉर्ड और आपकी उसे लौटाने की क्षमता पर आधारित होता है। इस स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच होती है। स्कोर जितना ज्यादा होता है, लोन मिलने की संभावना उतनी बढ़ जाती है। सच तो यह है कि 79 फीसदी लोन 750 से अधिक के सिबिल स्कोर को देखकर दिए जाते हैं।

जानकर कहते है कि किसी भी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड पाने के लिए उसका सिबिल स्कोर बेहतर होना बेहद जरूरी है। यह व्यक्ति के पुराने लोन का एक पैरामीटर है। इससे व्यक्ति के पिछले क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलता है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड देने के लिए बैंक सिबिल स्कोर के अलावा बैंक डिपाजिट भी देखते हैं। सिबिल स्कोर खराब होने पर भी क्रेडिट कार्ड तब मिल सकता है अगर क्रेडिट कार्ड आवेदनकर्ता की बैंक से रिलेशन अच्छे हों।

कैसे आप सुधार सकते हैं अपना CIBIL स्कोर?
अपने बकाया बिलों का भुगतान हमेशा समय से करें, लेट पेमेंट को बैंक अच्छा नहीं मानते हैं, क्रेडिट का इस्तेमाल बहुत ज्यादा नहीं करें, खर्चों पर अंकुश लगाएं, होम और ऑटो लोन जैसे सिक्योर्ड लोन और पसर्नल और क्रेडिट कार्ड सरीखे अनसिक्योर्ड लोनों के बीच संतुलन बनाएं, बहुत ज्यादा अनसिक्योर्ड लोन को अच्छा नहीं माना जाता है।

ज्वाइंट अकाउंट है तो ज्वाइंट अकाउंट होल्डर पर नजर रखें, ज्वाइंट अकाउंट होल्डर की लापरवाही का भी आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है, समय-समय पर क्रेडिट हिस्ट्री की समीक्षा जरूर करें, अपने सिबिल स्कोर पर नजर बनाकर रखें। बैंक सिबिल स्कोर खराब होने के बावजूद अकाउंट बैलेंस के आधार पर या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के आधार पर क्रेडिट कार्ड दे सकते हैं।

बैंक से क्रेडिट चाहिए तो बैंक आपसे कहते हैं कि कार्ड इशू होने तक एक मिनिमम बैलेंस बनाकर रखें। क्योंकि कई बार बैंक एफडी के एवज में क्रेडिट कार्ड देते हैं। हालांकि जिस बैंक में आपका एफडी है आपको उसी बैंक से क्रेडिट कार्ड मिलेगा।

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