निर्भयाकांड में एक और मोड़… दोषी अक्षय की पत्नी ने कहा-तलाक चाहिए, विधवा बनकर नहीं जीना चाहती

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नई दिल्ली..एन पी न्यूज 24  – निर्भया कांड के चार दोषियों को 20 मार्च को फांसी होनी है। 16 दिसम्बर 2012 की रात वो मनहूस रात थी जब पांच वहशी दरिंदों ने एक चलती हुई बस में निर्भया के साथ सामुहिक बलात्कार किया था। इस हाई-फ़ाई केस का निपटारा होने में इतना लम्बा वक्त लगने के कारण भारत की न्यायिक व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गये हैं। इन अपराधियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाले पवन जल्लाद भी जेल प्रशासन के आदेश की प्रतीक्षा करते करते निराश हो गये दिखाई देते हैं। निर्भया के माता पिता साधारण परिवेश से आते हैं। उनके पास कानूनी लड़ाई लड़ने के लिये कोई ख़ास पूंजी भी नहीं होगी। मगर अपनी दिवंगत बेटी को न्याय दिलाने के लिये इन दोनों ने किसी बात की परवाह नहीं की और कमर कस कर इन दरिंदों के विरुद्ध कानूनी लड़ाई जारी रखी। अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह भी तो साधारण बैकग्राउण्ड से आते हैं।

आख़िर उनकी कानूनी लड़ाई के लिये कौन पैसे जुटा रहा है, क्योंकि इस कांड में मंगलवार को एक और नया अध्याय जुट गया हैं। निर्भया कांड  में दोषी करार दिए गए नवीनगर प्रखंड के लहंग कर्मा गांव के रहने वाले अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनिता ने तलाक की अर्जी दाखिल की है। पुनिता ने यह अर्जी औरंगाबाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में दी है। अक्षय की पत्नी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को रेप  के मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें फांसी दिया जाना है। हालांकि, वह निर्दोष हैं ऐसे में वह उनकी विधवा बन कर नहीं रहना चाहती। इसलिए उन्हें पति से तलाक चाहिए। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में 19 मार्च को सुनवाई की तिथि तय की गई है। अक्षय ठाकुर की पत्नी के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला को कानूनी अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम 13(2)(II) के तहत कुछ खास मामलों में तलाक का अधिकार पा सकती है। इसमें रेप का मामला भी शामिल है। अगर रेप के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है, तो वह तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है।

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