हाईकमान को सिंधिया की नाराजगी मालूम थी, इस कदम का भरोसा नहीं था

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भोपाल. एन पी न्यूज 24 – ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी में शामिल होना अकस्मात नहीं और ऐसा भी नहीं कि कांग्रेस आलाकमान को इसकी जानकारी नहीं थी. सोनिया-राहुल दोनों को ही इसकी जानकारी थी, पर आखिरी वक्त तक उन्हें भरोसा नहीं था कि ज्योतिरादित्य पार्टी छोड़ देंगे. सोनिया और राहुल ही नहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा से भी सिंधिया के अच्छे संबंध थे और सभी से उनकी सीधी बात होती थी. सूत्र बताते हैं कि सिंधिया के करीब एक साल से असंतुष्ट होने की बात से नेतृत्व वाकिफ था. इसीलिए उन्हें राज्यसभा उम्मीदवार और प्रदेश अध्यक्ष बनने दोनों का विकल्प दिया गया था, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि कमलनाथ और दिग्विजय की सिंधिया के खिलाफ गोलबंदी की बात कुछ हद तक हाईकमान को भी सही लग रही थी और यही कारण है कि कमलनाथ और दिग्विजय ने सिंधिया को ग्रास बना लिया। इसमें कुछ हद तक पुत्र मोह की भी बात है.
सिंधिया ने आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी में लगातार दरकिनार किया जा रहा था। उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही थी. हालांकि, गांधी परिवार ने इन सारे आरोपों को खाऱिज किया है. राहुल गांधी ने साफ कहा कि ज्योतिरादित्य ही एक ऐसे शख्स थे, जिनके लिए उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे. दस जनपथ से जुड़े करीबी सूत्रों की मानें तो सिंधिया के उन दावों में कोई सच्चाई नहीं है, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया. यह दावा भी सच्चाई से परे है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का समाधान निकालने के लिए सिंधिया को कोई विकल्प नहीं दिया गया. सूत्र का कहना है कि फरवरी के आखिरी हफ्ते में विदेश दौरे पर रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ जारी तनातनी खत्म करने का फार्मूला निकालने के लिए राहुल गांधी ने सीधे ज्योतिरादित्य से बात की थी. राहुल इसके लिए सिंधिया को अपने साथ बाहर लंच पर लेकर गए थे, जहां दोनों की लंबी बातचीत हुई थी. लंच के दौरान राहुल ने सिंधिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने का भरोसा दिया, क्योंकि तब राज्यसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई थी. हालांकि, राहुल के इस आश्वासन के बाद भी सिंधिया संतुष्ट नहीं थे. सिंधिया को यकीन था कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह मिलकर सूबे की सियासत में उनको किनारे लगाने का काम करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद सोनिया गांधी ने भी सिंधिया को बुलाकर उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया. सिंधिया ने खुद इस पेशकश को लेकर रुचि नहीं दिखाई.

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