आम सभा में ‘घुसेड़े गए’ उपप्रस्ताव खारिज करने की मांग

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पिंपरी : एन पी न्यूज 24 – राज्य की सत्ता खोने के बाद से भाजपा के पैरों तले की जमीन खिसकने लगी है। इस हड़बड़ाहट में नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा की फरवरी माह की सभा में केवल चार मिनट में, 18 प्रस्ताव और पाँच उपप्रस्ताव बिना पढ़े स्वीकृत हो गए हैं। किसी भी नगरसेवक ने उपप्रस्ताव को समर्थन नहीं दिया, इसके बाद भी उन्हें मंजूरी दी गई है। इसमें 750 करोड़ रुपये खर्च का भी एक उपप्रस्ताव शामिल है। इन उपप्रस्तावों की वैधता पर सवाल खड़ा हुआ है क्योंकि वे तकनीकी रूप से अवैध हैं। ये सभी उपप्रस्ताव खारिज करने की मांग विपक्षी नेता नाना काटे ने की है।
काटे ने आरोप लगाया है कि, करोड़ों रुपए के उपप्रस्ताव बिना पढ़े घुसेड़े जा सके इसके लिए सत्तारूढ़ भाजपा योजनाबद्ध तरीके से हंगामा की स्थिति पैदा की। इसके बाद चार मिनट में 18 प्रस्ताव और पांच उपप्रस्ताव पारित किए गए। उपप्रस्तावों की प्रतियां मांगी गई तो पता चला कि खुद प्रशासन को भी अभी तक ये उपप्रस्ताव की प्रतियां नहीं मिली हैं। इसमें निश्चित रूप से भ्रम है। इसलिए, इन उपप्रस्तावों को रद्द किया जाना चाहिए। सभागृह में यह उम्मीद की जाती है कि सभा के पटल पर रहे विषय के विस्तृत वाचन और चर्चा के बाद फैसला किया जाय। हालांकि बुधवार की आम सभा में ऐसा नहीं हुआ। इससे यह भी साबित होता है कि सत्तारूढ़ भाजपा महासभा चलाने में असमर्थ है। मनपा अधिनियम के तहत, कर निर्धारण के प्रस्तावों को 20 फरवरी से पहले महासभा द्वारा पारित किया जाना चाहिए। हालांकि, 20 फरवरी की महासभा को सत्तारूढ़ भाजपा ने जानबूझकर स्थगित कर दिया और प्रशासन की करवृद्धि को मौन सहमति दे दी। काटे ने यह भी चेतावनी दी कि कर वृद्धि का विरोध करने के लिए विपक्षी दल के सभी नगरसेवक एक साथ सड़कों पर उतरेंगे।
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