नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – दवा निर्माता कंपनियों और कारोबारियों ने रेट कंट्रोल से बाहर रहने वाली दवाओं पर ट्रेंड मार्जिन 30% तक सीमित रखने पर सहमति जता दी है. इससे देश में जल्द ही 80% दवाओं की कीमतों में कमी आ सकती है. दवा मूल्य नियामक, फार्मा कंपनियों और उधोग संगठनों के बीच पिछले शुक्रवार को हुई बैठक में ट्रेड मार्जिन घटाने के प्रस्ताव पर सहमति बन गई. इंडियन ड्रग मैनुफैक्चर्स असोसिअशन का कहना है कि ट्रेड मार्जिन घटाने से हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अन्य उत्पादों पर इसे सिलसिले बार तरीके से लागू किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि कंपनियां जिस दाम पर स्टॉकिस्ट को माल बेचते है और जो दाम ग्राहक से वसूल करते है, उसके अंतर को ही ट्रेड मार्जिन कहा जाता है.
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बड़ी कंपनियों पर ज्यादा असर
सरकार के इस कदम से जेनरिक क्षेत्र के सही बड़ी फार्मा कंपनियों जैसे सन फार्मा। सिप्ला व ल्यूपिन पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना है. वैसे कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कोस्ट कंट्रोल से बाहर रहने वाली अधिकतर दवाओं पर पहले से 30% ट्रेड मार्जिन लागु है. इसमें रिटेलर का 20% और होलसेलर का 10% मार्जिन होता है.
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