इराक: हक के लिए जारी लड़ाई में अब तक 300 प्रदर्शनकारियों की गई जान, 1200 घायल, मानवाधिकार रिपोर्ट में खुलासा  

0

एन पी न्यूज 24 – इराक में सरकार कि नीतियों और बढ़ती बेरोजगारी को लेकर अब वहां की जनता के सब्र का बांध टूट गया है. बगदाद और देश के कई शिया प्रांतों में बेरोजगारी, गरीबी बुनियादी सुविधाएँ के अभाव का दंश झेल रही जनता अब सडकों पर उतर आई है. इनमें युवा वर्ग बढ-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. पिछले काफी समय से जनता द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. वहीं बेकाबू जनता को काबू में करने के लिए प्रशासन हर सीमा लांघ रहा है.

शायद इसी के चलते पिछले महीने हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में लगभग 319 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है, जबकि 1200 लोग घायल हुए हैं. इराक की स्वतंत्र संसदीय मानवाधिकार समिति की रिपोर्ट में इस रोंगटे खड़े कर देने वाले आंकड़ों का खुलासा हुआ है.

इस रिपोर्ट के सामने आने के बावजूद इराक में पुलिस कि कानून व्यवस्था के नाम पर की जा रही दरिंदगी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अल जजीरा के हवाले से सामने आई खबर के अनुसार, शनिवार को बगदाद में पुलिस ने 4 प्रदर्शकारियों की जान ले ली व सैंकड़ों पर बल का प्रयोग किया गया. इतना ही नहीं शरणार्थी कैंपों को भी आग के हवाले कर दिया गया है.

प्रदर्शन में शामिल लोगों के मुताबिक ताहिर चौक से लगभग एक किलोमीटर दूर अल खलानी वाणिज्यिक क्षेत्र में इराकी सुरक्षा बलों द्वारा आंसू गैस और जिंदा गोला बारूद का इस्तेमाल किया था, जिसकी चपेट में आकर करीब 23 छात्र घायल हो गए हैं. प्रशासन का कहना है की यह हादसा गलती से हुआ हैं.

वहीं शनिवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बीच इराक के प्रधानमंत्री अदील अब्दुल महदी ने जनता से महत्वपूर्ण सुधारों का वायदा किया है. वहीं शुक्रवार को भी दक्षिणी शहर बसरा में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी. बसरा एक तेल से भरपूर शहर है जो इराक की राजधानी बगदाद के लगभग 450 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
बताया जा रहा है कि साल 2003 में पूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के खात्मे के बाद से यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है, जिसने शासन के पैरों तले से जमीन हिला कर रख दी है.

visit : npnews24.com

Leave A Reply

Your email address will not be published.