बैंकॉक : एन पी न्यूज 24 –दुनिया भर के देशों को चौकाते हुए भारत ने RCEP समझौते (Regional Comprehensive Economic Partnership) में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कह दिया था कि भारत के केंद्रीय हितों के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। इस समझौते में शामिल होने से इंकार करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा अंतर्मन इस समझौते में शामिल होने की इजाजत नहीं देता, भारत इसका हिस्सा नहीं होगा।
RCEP समिट के दौरान पीएम ने अपने भाषण से किया प्रभावित
उन्होंने कहा कि भारत ज्यादा बड़े क्षेत्रीय के आलावा मुक्त व्यापार नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए खड़ा है। हम शुरू से ही RCEP वार्ता में सक्रिय, रचनात्मक और सार्थक रूप से लगे हुए है । भारत इस डील में बराबरी लाने के उद्देश्य से काम कर रहा था ।
ऐसे फैसलों में हमारे लोग दांव पर लगे हुए है
RCEP पर पिछले 7 सालों में हुई बातचीत में बहुत कुछ बदल चुका है जिसमे अर्थव्यवस्था और व्यापार की परिस्थितियां भी शामिल है । हम इन बदलावों की अनदेखी नहीं कर सकते है । RCEP का मौजूदा रूप मूल भावना और समझौते के सिद्धांतों को पूरी तरह से प्रदर्शित नहीं करता है ।
हमारे किसान, व्यापार, पेशेवर लोग और उधोग जगत ऐसे फैसलों में दांव पर लगे हुए है । मजूदर और हमारे उपभोक्ता भी महत्वपूर्ण है तो देश में एक बड़े मार्किट का निर्माण करते है । खरीदने की क्षमता के अनुसार तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का निर्माण करते है ।
मुझे सकारात्मक उत्तर नहीं मिला
RCEP समझौते को सभी भारतीयों के हितों को ध्यान में रखते हुए समझने की कोशिश की लेकिन मुझे कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। इसलिए न तो गांधीजी की ताबीज़ और न ही मेरा अंतर्मन की आवाज मुझे इसमें शामिल होने की अनुमति दे रहा है ।
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