अच्छे काम के लिए कल्पकता, इच्छाशक्ति महत्वपूर्ण

साहित्यकार डॉ. अरुणा ढेरे द्वारा प्रतिपादन; २५ वें पुणे नवरात्र महोत्सव का भव्य उद्घाटन

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अनास्कर, किराड, डॉ. खुर्द, मुसळे, देशपांडे को ‘श्री लक्ष्मी माता कला-संस्कृति जीवन गौरव’

पुणे: एन पी न्यूज 24 – “धन, शक्ति और पद किसी भी अच्छे काम को करने के लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं. इसके लिए हमारी सरलता, कल्पकता और कड़ी मेहनत की आवश्यकता है. पुणे नवरात्रो महोत्सव पिछले २५ वर्षों से सुरु है. सांस्कृतिक गतिविधियों को सामाजिक जोड देकर त्योहार को उत्तरोत्तर बढ़ाया जाएगा ऐसा “अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अरुणा ढेरे ने कहा.

कला, संस्कृति, गायन, संगीत, नृत्य और नृत्य के संयोजन और पुणे नवरात्र महोत्सव समिति, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज और मुकुल माधव फाउंडेशन के संयोजन में आयोजित, २५ वें पुणे नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ गणेश कला क्रीडा मंच में किया गया. इस समय डॉ. अरुणा ढेरे के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मुक्ता पुणतांबेकर, निर्मला कांदळगावकर, शिक्षणतज्ज्ञ आबेदा इनामदार, भारती बऱ्हाटे, काव्या लडकत, पौर्णिमा लुनावत, डॉ. संगीता मुलानी, आमदार शरद रणपिसे, मोहन जोशी, अंकुश काकडे, सतीश देसाई, मुक्तार शेख, रवींद्र माळवदकर, संयोजक आबा बागुल, जयश्री बागुल उपस्थित थे. अध्यक्षस्थानपर वरिष्ठ नेता उल्हासदा पवार थे. इस समय विद्याधर अनास्कर, शंतनु देशपांडे, वीरेंद्र किराड, डॉ. संजीव खुर्द, मानसी मुसळे को ‘श्री लक्ष्मी माता कला संस्कृति जीवन गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में प्रारंभ में, मानसी मुसले और उनके सहयोगियों ने गणेशवंदना, शमा भाटे के नादरूप समूह की ओर से महाकाली कपालिनी नृत्य, विनोद धोकटे और सहकर्मियों ने जागरण गोंधळ नृत्य की प्रस्तुति कि. रत्नाकर शेलके डांस एकेडमी ने नृत्य गीतों के चयन से फिल्म का 100 साल का फ्लॅशबॅक नृत्य के माध्यमसे प्रस्तुती कि. सैंडी मांजरेकर और उनके सहयोगियों ने बॉलीवुड का जलवा नृत्य कार्यक्रम किया. अभिनेत्री भार्गवी चिरमुले, गिरिजा प्रभु, वैष्णवी पाटिल, शर्वरी जमनीस, सायली पराडकर, ऐश्वर्या काळे, स्मिता शेवाळे, तेजा देवकर, करिष्मा वागळे, सायली जिया, निकिता मोघे का फ्यूजन नृत्य ने समारोह मै रंग आयी.

उल्हास पवार ने कहा, “विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति का सम्मान करना सराहनीय है. जो महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होती हैं, वे नवोन्मेषक के रूप में होती हैं. इन सभी व्यक्तियों का काम समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ये पुरुष उपेक्षित और कमजोर को मुख्यधारा मै लाने के लिए काम कर रहे हैं. “व्यक्तियों का सम्मान करें और नई पीढ़ी को सामाजिक कार्य कारने का प्रोसाहन दे. अच्छी बातें लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. यह त्यौहार शहर के सांस्कृतिक गौरव को योगदान करने के लिए महत्वपूर्ण है. ”

परिचय में, आभा बागुल ने कहा, “पुणे में एक दुर्भाग्यपूर्ण संकट आया था, ऐसा संकट फिर कभी ना आये. शिक्षा, साहित्य, उद्योग, व्यवसाय, चिकित्सा और अभिनय के क्षेत्र में अपने काम के लिए नवदुर्गाओं को सम्मानित किया जा रहा है. हम समाज का कुछ देना लगते है इसलिये समुदाय को देने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं. “हमारे कार्यकर्ता आपकी मदद करने के लिए मुसीबत में जाते हैं. देवी की पूजा करते हो लेकिन जिन माता-पिता तुम्हें बनाया उनकी भी पूजा करो.

विद्याधर अनास्कर, वीरेंद्र किराड़, शंतनु देशपांडे ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं. सुधीर गाडगीळ ने सुत्रसंचलन किया. घनश्याम सावंत ने धन्यवाद ज्ञापित किया

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