अफगानिस्तान : राष्ट्रपति पद के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी

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काबुल : एन पी न्यूज 24 – अफगानिस्तान में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शनिवार को भारी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है। तालिबान ने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार करने की धमकी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में सैकड़ों अफगान कतारों में लगकर मतदान कर रहे हैं। मतदान दोपहर तीन बजे तक चलेंगे।

देश की इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमीशन (आईईसी) के अनुसार, चुनाव समय बढ़ाया जा सकता है।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, अफगानिस्तान में लगभग 96 लाख मतदाता हैं, जिनमें 34.5 प्रतिशत महिलाएं हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला समेत मिलाकर कुल 15 उम्मीदवार राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं।

अन्य प्रमुख उम्मीदवार काबुल का कसाई के नाम से प्रसिद्ध पूर्व सेनाध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री गुलबुद्दीन हेकमात्यार हैं। गुलबुद्दीन को यह नाम 1992 में अफगान सिविल वार के दौरान राजधानी में लगातार बमबारी करने के लिए मिला है। इस हमले में लगभग 1,000 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 8,000 लोग घायल हो गए थे।

शनिवार को हो रहे चुनाव अफगानिस्तान में 2001 के बाद चौथी बार राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं, जब तालिबान साम्राज्य को खदेड़ने के लिए अमेरिकी सैनिक यहां आए थे।

तालिबान की धमकियों के कारण आईईसी देश में कुल 7,385 मतदान केंद्रों में से सिर्फ 4,942 मतदान केंद्रों पर चुनाव करा रहा है।

इनमें से 675 मतदान केंद्र सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील मतदान केंद्र हैं, वहीं 907 मतदान केंद्रों पर अपेक्षाकृत कम खतरा है। लगभग 3,360 मतदान केंद्र चुनाव के लिए पूरी तरह सुरक्षित बताए गए हैं।

तालिबान के नियंत्रण बाले क्षेत्र में भी मतदान नहीं हो रहा है।

आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, अफगान सरकार ने देशभर में लगभग 72,000 सैनिक तैनात किए हैं, तथा आपातकाल के लिए 30,000 सैनिकों को तैयार रखा गया है।

आईईसी ने कहा है कि मतदान में हेराफेरी रोकने के लिए वह बायोमेट्रिक डिवाइसेज का उपयोग कर रही है।

गनी और अब्दुल्ला ने दो अलग-अलग मतदान केंद्रों पर अपने-2 मताधिकार का प्रयोग किया और दोनों ने अफगान नागरिकों से इस प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया।

इसी बीच कांदहार प्रांत में एक मतदान केंद्र पर एक धमाके में 15 लोग घायल हो गए। हालांकि किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

चुनाव से पहले तालिबान ने कहा था कि वह चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार करेगा क्योंकि ‘यह अमेरिका द्वारा फैलाया गया झूठा नाटक है।’

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