पीएम मोदी ने बढ़ाया वैज्ञानिकों का हौसला, कहा ‘हम ही ने दुनिया को बताया था चांद पर है पानी’

आप मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं

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बेंगलुरु : समाचार ऑनलाइन – भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2‘ के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। वैज्ञानिकों के चेहरे पर मायूसी छा गई। उस बीच देश के मुखिया प्रधानमंत्री आगे आये और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। कल मोदी पूरी रात इसरो सेंटर में मौजूद रहे और अभी सुबह नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा रहे है और वह इसरो के कंट्रोल सेंटर से देश को भी संबोधित कर रहे हैं।

भारत माता की जय से मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया। मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि ‘आप कई रातों से सोये नहीं हो। आप वो लोग हैं जो मां भारती की जय के लिए जूझते हैं। इस मिशन से जुड़ा हुआ शख्स एक अलग ही अवस्था में था। मेरा मन करता था कि आपसे बातें करू।’ वैज्ञानिकों को उन्होंने कहा कि ‘आपलोग मक्खन पर नहीं बल्कि पत्थर पर लकीर खींचते हो। आज भले ही कुछ रूकावटें आई हों, लेकिन इससे हमारा हौंसला कमजोर नहीं पड़ा बल्कि और मजबूत हुआ है। आज हमारे रास्ते में भले ही आखिरी कदम पर रूकावट आई हो लेकिन हम हमनी मंजलि से डिगे नहीं हैं। हम भले ही चंद्रमा की सतह पर अपनी योजना से नहीं जा सके हों लेकिन हौंसला मजबूत हुआ है’ |

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इसरो कभी हार न मानाने वाला जीता जागता उदाहरण है। हमारे पुरे देश वासियों को हमारे वैज्ञानिक और इंजीनियर पर गर्व है। परिणाम अपने जगह लेकिन आपके प्रयासों पर गर्व है। चंद्रयान का आखिरी पड़ाव भले ही आशा के अनुरूप न रहा हो। लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि इसकी यात्रा शानदार और जानदार रही है। इस समय भी हमारा ऑर्बिटर पूरी शान से चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। मैं इस मिशन के दौरान हर बार चंद्रयान मिशन की जानकारी लेता रहा। याद रहे हम ही ने दुनिया को चांद पर पानी होने की जानकारी दी। साथ ही मोदी ने सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।

 

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