नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। हर दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है। भारत की बात करें तो यहां कोरोना मरीजों की संख्या 21370 के पार पहुंच गयी है। जबकि मरने वालों की संख्या 681 हो गयी है। भारत में भी कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि देश में कोरोना से लड़ने के लिए कई तरह के उपाय किये गए है। इस बीच एक रिपोर्ट सामने आया है। जिसके मुताबिक, लोग कोरोना से ग्रसित होने से पहले ही काफी डरे हुए है। लोगों में पैनिक बटन ऑन हो गया है। लोग डगमगा रहे। इस पर अब मेडिकल हेल्पलाइनों और मनोचिकित्सक काम कर रहे है।
कोरोना के डर से लोग आत्महत्या की सोच रहे है – इनके पास इन दिनों मन की उलझन सुलझाने के लिए अनगिनत फोन आ रहे हैं। लोग बेचैन हैं कि आखिर कब तक इस मुश्किल से निजात मिल सकेगी। डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ल के मुताबिक, कोरोना काल में दो तरह ही दिक्कतें ज्यादा उभरकर आ रही हैं। पहली जनरलाइज्ड एंग्जाइटी डिसऑर्डर और दूसरी पैनिक डिसऑर्डर। दोनों मानसिक परेशानियां हैं। एंग्जाइटी डिसऑर्डर में आमतौर मरीज को घबराहट, बेचैनी होती है जबकि पैनिक डिसऑर्डर में मरीज को लगता है कि अभी उसकी सांसें थम जाएंगी। इसी घबराहट में वह रोने लगता है। इन मरीजों में ज्यादा डर दिखाई दे रहा है। दरअसल, लॉकडाउïन की वजह से बीमारी का लेवल बढ़ गया है। अब तक इसके मरीज दवाओं से नियंत्रित थे। हालात ये हैं कि वे आत्महत्या तक की सोच रहे हैं।
ये सावधानी बरतें – ऐसे हालात में परिवार के साथ रहें। एक-दूसरे का ख्याल रखें। दोस्तों से बातचीत और वीडियो कॉल से जुड़ें। व्यावहारिक परिवर्तन दिखे तो तत्काल उसका पता लगाएं। क्वारंटाइन सेंटर पर हैं तो लोगों से परिचय बढ़ाएं। इंटरनेट के जरिये परिवार के संपर्क में रहें। उलझन व घबराहट से ग्रसित लोगों को इंडियन सायकाट्रिक सोसायटी की ओर से कुछ दवाओं को ऑनलाइन प्रिस्क्राइब करने की अनुमति दे दी गई है। इनके साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। इन दो दवाओं के नाम क्लोनाजिपॉम और सरटॉलिन है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद संबंधित चिकित्सक से मरीज अपना स्थायी इलाज करा लेंगे।
हेल्पलाइन से लें मदद – अगर मन उलझा है तो आप इन नंबरों पर फोन करके डॉक्टर को अपनी परेशानी बताएं- 8887019140- डॉ. पीके दलाल, केजीएमयू 8765676900 डॉ. देवाशीष शुक्ल, लोहिया इंस्टीट्यूट।