कोरोना की मार से कच्चे तेल की कीमत में भारी गिरावट, पानी से भी हुआ सस्ता, इतिहास में पहली बार 0 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंचा

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24- कोरोना वायरस के चलते कच्‍चे तेल उत्‍पादकों के लिए चुनौती खड़ी हो गई है। इस जानलेवा महामारी के असर से कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार गंहरे संकट में पहुंच गया है। आर्थिक गतिविधियों के ठप होने से लगातर कम होती मांग का असर कच्चे तेल के दाम पर पड़ रहा है। अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) ने सोमवार को अब तक के इतिहास में अपना सबसे बुरा दिन देखा। अंतरराष्ट्रीय बजार में अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल का भाव सोमवार को गिरकर 0 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंच गया।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 20 अप्रैल को न्यूयॉर्क ऑयल मार्केट में कोहराम देखने को मिला यहां तेल की कीमतें इतनी गिरी की कच्चा तेल बोतलबंद पानी से भी सस्ता हो गया। बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मई महीने में की जाने वाली सप्लाई के लिए है। यहां पर यूएस बेंचमार्क में रिकॉर्ड गिरावट हुई और मई के लिए सप्लाई की जाने वाली तेल की कीमतें एक समय गिरकर 1.50 डॉलर प्रति बैरल हो गई। ये कच्चे तेल की कीमतों में एक दिन में 90 फीसदी की गिरावट थी। बता दें कि मई महीने में कच्चे तेल की सप्लाई के लिए कॉन्ट्रैक्ट 21 अप्रैल को खत्म होने को है, लेकिन तेल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। क्योंकि दुनिया की बड़ी आबादी इस वक्त घरों में बंद है और दुनिया के कई देश तेल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

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सोमवार को न्यूयॉर्क में यूएस बेंचमार्क वेस्ट टेक्सॉस इंटरमीडिएट में मई के लिए कच्चे तेल के ठेके में 301.97 फीसदी की गिरावट हुई और ये -36.90 डॉलर प्रति बैरल पर आकर रूका। मई महीने में सप्लाई की जाने वाली कच्चे तेल की कीमतें अधिकत्तम 17.85 डॉलर प्रति बैरल और न्यूनत्तम -37.63 डॉलर प्रति बैरल रही। आखिरकार बाजार-37.63 डॉलर प्रति बैरल पर आकर बंद हुआ। ये पहली बार है जब न्यूयॉर्क में कच्चे तेल की कीमतें निगेटिव में चली गई हैं। कच्चे तेल की कीमतें माइनस में जाने का ये मतलब नहीं है कि आज या कल से ही तेल सस्ता हो गया है।

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