मनपा व पुलिस के बीच समन्वय के अभाव से तनाव की स्थिति

चंद घंटों में बदल दिया की मंडी शुरू करने का फैसला

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लोगों तक नहीं पहुंची जानकारी; भीड़ पर काबू पाने पुलिस ने किया बल का प्रयोग
पिंपरी।   एन पी न्यूज 24 – कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते पिंपरी चिंचवड शहर में मनपा प्रशासन ने 14 अप्रैल तक सभी सब्जी मंडियों को बंद करने का आदेश जारी किया था। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉक डाउन की अवधि को 3 मई तक बढाने की घोषणा किये जाने के बाद मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने बुधवार से शहर की सभी सब्जी मंडी, साप्ताहिक बाजार, मोशी के कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सब्जी व फल विक्री पर रहे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया। इसके चंद घंटों बाद ही यह फैसला बदल दिया गया। हालांकि इसकी जानकारी लोगों तक नहीं पहुंची और बुधवार के तड़के पिंपरी मंडी में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा।
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए 14 अप्रैल तक लॉक डाउन घोषित किया गया था। केवल जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली रखी गई है। मगर ख़रीददारी के दौरान सोशल डिस्टन्टिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। इसे ध्यान में लेकर पिंपरी चिंचवड़ शहर में सभी सब्जी मंडी, सभी साप्ताहिक बाजार, कृषि उत्पन्न बाजार समिति मोशी, फूटकर सब्जी विक्रेता व फल विक्रेता सभी 14 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश दिया गया। गत दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में लागू लॉक डाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की। इसके बाद मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने सब्जी बिक्री पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया। इस बारे में जारी किए गए आदेश के मुताबिक शहर की सभी सब्जी मंडियां बुधवार से सुबह 11 से दोपहर 4 बजे तक खुली रखी जानी थी।
सोशल डिस्टन्टिंग के लिए सम- विषम तारीखों का अनुसार मंडियों में सम और विषम नँबर के गाले (दुकानें) खुली रहेगे। फल और सब्जियों की फुटकर बिक्री पर प्रतिबंध कायम रहेगा। इस बारे में अलग से आदेश जारी किया जाएगा, यह भी स्पष्ट किया गया। हालांकि चंद घंटों बाद इस फैसले को बदल दिया गया। नए फैसले के अनुसार खुली जगहों पर मंडी शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए जगह निश्चित की जाएगी तब तक सब्जी, फल आदि बिक्री पर प्रतिबंध कायम रखा गया। मगर इस नए फैसले से लोग अनजान रहे। मनपा और पुलिस के बीच समन्वय के अभाव के चलते आज तड़के पिंपरी मंडी में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। तब यहां मात्र दो पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। नतीजन पिंपरी सब्जी मंडी में तनाव की स्थिति निर्माण हो गई।
यहां भीड़ उमड़ने और तनाव की स्थिति पैदा होने की जानकारी मिलते ही पिंपरी विधानसभा के विधायक अण्णा बनसोडे यहां पहुंचे और उन्होंने पुलिस और मनपा आयुक्त को इसकी जानकारी दी। पुलिस उपायुक्‍त स्मिता पाटील, सहायक आयुक्‍त राम जाधव, पुलिस निरीक्षक राजेंद्र निकालजे सहायक निरीक्षक सुधीर चव्हाण ने पिंपरी मंडी पहुंच कर भीड़ हटाने की कोशिश की। मगर भीड़ ज्यादा रहने से एसआरपीएफ को बुलाया गया। एसआरपीएफ के जवानों ने बल का प्रयोग कर भीड़ पर काबू पाया। इसके बाद मंडी परिसर में पुलिस की बन्दोबस्त बढ़ा दिया गया। इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। आज की घटना की जवाबदेही किसकी है? मनपा आयुक्त द्धारा जारी दो परिपत्र ने संभ्रम निर्माण किया, क्या पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी गई? अगर सूचना दी गई तो पुुलिस ने गंभीरता से लेकर सुबह मंडी परिसर में भारी बंदोबस्त क्यों नहीं लगाया। क्या मनपा और पुलिस प्रशासन के बीच तालमेल का अभाव रहा? फिर आम जनता को बलि का बकरा क्यों बनाया गया?
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