नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस के इस संकट के बीच एसबीआई के ग्राहकों को झटका लग सकता है। दरअसल लॉकर देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक 31 मार्च, 2020 से लॉकर में सामान रखना महंगा होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, एसबीआई ने लॉकर के चार्ज में बढ़ोतरी की है और नई दरें 31 मार्च से लागू होंगी। हालांकि दर खाताधारक के अकाउंट कहां है उस पर निर्भर करेगा।
अब इतने रुपए होगा रेंटल चार्ज –
एसबीआई ने लॉकर के आकार के आधार पर रेंटल चार्ज को 500 रुपये 2000 रुपये तक बढ़ा दिया है। यह फीस इस बात पर भी निर्भर करेगी कि खाताधारक का लॉकर किस शहर में है। जानकारी के मुताबिक, छोटे लॉकर के किराए में 500 से लेकर 2,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर किराया 9,000 के बजाय अब 12,000 रुपये देने होंगे। मीडियम साइज लॉकर के लिए अब 1000 से 4,000 रुपये तक ज्यादा चार्ज चुकाना होगा। बड़े लॉकर का किराया 2,000 से 8,000 रुपये तक होगा।
जानें क्या होता बैंक लॉकर, कैसे किया जाता है इसका इस्तेमाल –
यह एक सेफ डिपॉजिट लॉकर बैंकों की खास सुविधा होती है। ये लॉकर अलग-अलग आकार में आते हैं। इनका इस्तेमाल लोग अपनी कीमती वस्तुएं रखने के लिए करते हैं। केवल लॉकर होल्डर या ज्वाइंट होल्डर इन्हें ऑपरेट कर सकता है। RBI नोटिफिकेशन के मुताबिक, कोई भी किसी भी बैंक में बगैर खाते के भी लॉकर खोल सकता है। बता दें कि हर लॉकर की दो चाबी होती है। एक चाबी ग्राहक के पास होती है। दूसरी चाबी बैंक के पास होती है। दोनों चाबियां लगने के बाद ही लॉकर खुलता है। ग्राहक जब भी लॉकर ऑपरेट करना चाहेगा, उसे इसकी जानकारी ब्रांच को देनी होगी। साल में आप कितनी बार लॉकर ऑपरेट करेंगे, इसकी भी सीमा तय है। यह सीमा बैंक के हिसाब से अलग-अलग है।
100 फीसदी सुरक्षित नहीं होता लॉकर –
लॉकर में रखी चीजों के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला या चोरी होने पर बैंक आसानी से मुआवजा देने से इनकार कर देते हैं। इस दौरान उनकी दलील यह होती है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं होती कि लॉकर में क्या-क्या रखा गया है।
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