नई दिल्ली, 26 मार्च –एन पी न्यूज 24 – तेल की वैश्विक मांग कम होने के बावजूद सऊदी अरब अपना तेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इसका सीधा असर इंटरनेशनल बाजार में तेल की कीमतों पर पड़ेगा।जनवरी में चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के बाद तमाम रिफाइनरियां बंद होने के बाद से दुनिया के तेल भंडार तीन-चौथाई भर चुके है।
भारत एशिया में चीन और जापान के बाद तेल खपत के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से तेल की खपत में गिरावट आई है। तेल भण्डारण में समस्या होने से बाजार में तेल की सप्लाई और बढ़ जाएगी। पश्चिमी कनाडा में इस महीने के अंत तक अपना उत्पादन 4000000 बैरल प्रति दिन घटाना पड़ सकता है। लेकिन इससे आर्थिक लाफ तभी मिलेगा जब तेल की कीमतों में गिरावट आएगा।
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पिछले हफ्ते तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई जिसके बाद तेल 25 डॉलर प्रति बैरल बिकने लगा. जबकि यह साल की शुरुआत में 65 डॉलर प्रति बैरल था। माना जा रहा है कि इस साल तेल की कीमत 10 डॉलर प्रति डॉलर हो सकता है।
तेल की कीमतों को लेकर दुनिया भर में युद्ध छिड़ने की वजह से दुनिया भर में तेल का उत्पादन प्रति दिन 25 लाख डॉलर तक बढ़ सकता है।