अब फांसी का फंदा करीब और गलती की माफी मांगने की जगह कह रहा बलात्कारी, नहीं रुकेगा बलात्कार

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नई दिल्ली एन पी न्यूज 24 –फांसी का फंदा करीब है, मगर गलती की माफी मांगने की जगह अभी भी बलात्कारी कह रहा है कि देश में बलात्कार रुकने वाला नहीं। निर्भया गैंग रेप के चारों कातिलों में से एक विनय ने जेल के एक अधिकारी से कहा कि हमें फांसी देने से देश में बलात्कार नहीं रुकने वाला और आपको ऐसा लगता है, तो बेशक हमें फांसी पर लटका दो। अंतिम क्षणों को जी रहे दरिंदगों का फैसला तो भाग्य ने उसी दिन लिखा गया था, जिस दिन दिल्ली में दिल दहला देने वाली घटना को इन्होंने अंजाम दिया था।

याद रखा जाएगा यह केस : इक्कीसवीं सदी में हिंदुस्तान को झकझोर देने वाला बलात्कार का सबसे ऐतिहासिक मामला अपने अंतिम निष्कर्ष की ओर बढ़ता सा नज़र आ रहा है। ‘निर्भया’ की कहानी एक ऐसी कहानी है जिसकी स्मृति भारतीय जनमानस के पटल पर आने वाले कई सालों तक ज़िंदा रहेगी। साथ ही, इस घटना के बाद भारतीय क़ानून व्यवस्था में स्त्रियों के पक्ष में आए तमाम बदलावों की वजह से भी ये मामला हमेशा याद दिया जाएगा।

अंतिम इच्छा नहीं बताई : जेल सूत्रों का कहना है कि दोषियों ने अब तक अंतिम इच्छा के बारे में कुछ नहीं बताया है। उन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार वालों से मुलाकात की बात कही थी। जिसमें तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश के परिवार वालों की उनकी अंतिम मुलाकात करवा दी गई है। अक्षय के परिवार से अभी तक कोई मिलने के लिए नहीं आया है। जेल अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार तक अगर अक्षय के परिवार वाले आते हैं, तो उनकी मुलाकात हो सकती है।

फांसी वाली सेल में शिफ्ट हुए चारों दोषी : जेल अथॉरिटी ने 10 और कर्मचारियों को विभिन्न जेलों से फांसी देने वाली जेल नंबर 3 में तुरंत प्रभाव से शिफ्ट कर दिया है। 20 मार्च तक इनकी ड्यूटी इसी जेल में रहेगी। जेल अधिकारियों ने बताया कि 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे चारों को फांसी पर लटकाने के लिए तीन बजे उठा दिया जाएगा। इनसे नहाने और नाश्ता करने के बारे में पूछा जाएगा।

पूरी है फांसी की तैयारी : फांसी के दो तख्तों पर चार हैंगर बनाए गए हैं, जहां इन चारों को फांसी दी जाएगी। इनमें से एक तख्ते के लीवर को जल्लाद पवन और दूसरे को जेल स्टॉफ खीचेंगा। इसके लिए जेल नंबर 3 का सुपरिटेंडेंट ग्रीन सिग्नल देगा।

पोस्टमॉर्टम का इंतजाम भी पक्का : अधिकारी का कहना है कि वैसे तो चारों के शवों का पोस्टमॉर्टम डीडीयू अस्पताल में ही कराया जाएगा, लेकिन अगर कानून-व्यवस्था की कोई समस्या होती दिखाई दी तो किसी और अस्पताल में भी पोस्टमॉर्टम कराया जा सकता है। पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया जाएगा। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जा सकती है।
नहीं मिले अक्षय के परिजन : इधर, चारों में से एक अक्षय के परिजनों ने अभी तक उससे अंतिम मुलाकात नहीं की है। अगर गुरुवार 12 बजे तक अक्षय के परिजन मिलने आ गए तो ही उसकी आखिरी मुलाकात हो सकेगी। इसके बाद दोषियों को किसी से नहीं मिलने दिया जाएगा। बुधवार 12 बजे तक ही किसी नई अदालती कार्रवाई पर भी गौर किया जाएगा।
मुकेश और विनय की हो चुकी मुलाकात :  बुधवार को मुकेश और विनय के परिजन इन दोनों से मुलाकात करने जेल आए। इनमें मुकेश की मां और भाई और विनय से उसके माता-पिता ने मुलाकात की। जेल प्रशासन का कहना है कि वैसे तो गुरुवार को केवल अक्षय की ही इसके परिजनों से मुलाकात कराने का दिन है। अगर पवन के घरवाले भी इससे मिलने आ गए तो उसपर भी गौर कर लिया जाएगा। जेल की ओर से हम इन्हें किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते

16 दिसंबर 2012 की वो ख़ौफनाक रात :  सात साल पहले 12 दिसंबर को 23 वर्षीय निर्भया अपने दोस्त के साथ दिल्ली के साकेत सिलेक्ट सिटी वॉक सिनेमा हॉल में ‘लाइफ़ ऑफ़ पाई’ फ़िल्म देखने गई थीं. एक कॉल सेंटर में काम करके फिजियोथेरेपी की अपनी पढ़ाई के ख़र्च का इंतज़ाम करने वाली निर्भया उस शाम हर लिहाज से महत्वाकांक्षी युवा भारत का प्रतीक थी। उसेक बाद जो भी हुआ उस दरिंदगी को याद कर ही रुह कांप जाती है। घने कोहरे की चादर में ढकी दिल्ली अगली सुबह अपने हालिया इतिहास के बड़े सदमों में से एक के साथ आँखें खोलने वाली थी. मेडिकल जांच के दौरान पता चला कि दोषियों ने लोहे के रॉड के लिए गए हमलों के दौरान पीड़िता के प्राइवट पार्ट्स के साथ साथ उनकी आंत भी बाहर निकला दी थीं। निर्भया का इलाज कर रहे वरिष्ठ सरकारी डॉक्टरों ने  तब बताया कि उन्होंने अपने पूरे मेडिकल करियर में सामूहिक बलात्कार का इतना वीभत्स मामला नहीं देखा था।

जुवेनाइल मास्टरमाइंड :  ‘जुवेनाइल’ मोहम्मद अफरोज़ उर्फ़ राजू  को ही इस पूरी घटना का मास्टर माइंड माना जाता है। आपको बताते चलें कि जिस वक़्त ये घटना घटी इस नाबालिग लड़के की उम्र 17 साल 6 महीने थी। निर्भया मामले में इस आरोपी की वर्तमान उम्र 23 साल है। बात अगर इसे मिली सजा की हो तो चूंकि ये नाबालिग था, इसलिए इसे जुवेलाइल जस्टिस के तहत सजा हुई और इसे बाल सुधार गृह में रखा गया। इस युवक के मंसूबे कितने खतरनाक थे इसे उन बयानों से भी समझ सकते हैं, जो निर्भया मामले में अन्य आरोपियों ने दिए हैं। उन बयानों के अनुसार इसी ने निर्भया और उसके दोस्त को आवाज देकर अपनी बस में बुलाया था। निर्भया के बैठने के बाद उसी ने छेड़छाड़ शुरू की और अपने साथियों को रेप के लिए उकसाया। यही वो दोषी था, जिसने निर्भया के शरीर में लोहे की रॉड घुसाई, जिससे फैला इंफेक्शन 26 साल की छात्रा की मौत की वजह बना।

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