सोना पर कोरोना भारी…मांग में 75 फीसदी तक आई कमी 

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नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – माना जा रहा है कि निवेशक कोरोना वायरस महामारी के चलते वित्तीय बाजारों में अधिक नकदी जुटाने में अधिक संलग्न हैं। यही वजह है कि वैश्विक बाजार में  सोने की मांग में भारी गिरावट आई है।  इसे कोरोना संकट का असर ही कहेंगे कि भारत समेत एशिया के शेयर बाजार भारी दबाव में हैं। कोरोना की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार हलकान हैं। इसकी वजह से सोने—चांदी पर भी दबाव बन रहा है। असल में कोरोना की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति है, ऐसे में इन कीमती धातुओं के खरीदार भी कम हो रहे हैं।

सराफा के वायदा सौदों में मार्जिन बढ़ाई जा रही है और गोल्ड ईटीएफ भी बिकवाली कर रहे हैं। दुनिया भर के देशों में शेयर बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई घोषणाओं के बाद भी कोरोनावायरस आपदा निवेशकों की चिंताओं को दूर करने में विफल रही है और  इस जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से देश में जेम्स एंड ज्वेलरी कारोबार अपनी चमक खोता जा रहा है। हर रोज बढ़ते संक्रमण से ज्वेलरी उद्योग की डिमांड 75 फीसदी तक गिर गई है। अब सिर्फ 20-25 फीसदी ही कारोबार देशभर में हो रहा है।

लोगों में डर का माहौल…ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के अध्यक्ष अनंत पद्मनाभन ने कहा, ‘ज्वेलरी की दुकानों में ग्राहकों की संख्या लगातार कम हो रही है. डर के इस माहौल में रिटेलर्स केवल 20-25 फीसदी कारोबार कर रहे हैं। उनका कहना है कि  कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप के कारण लोगों में डर का माहौल है। इसके अलावा, एहतियात के तौर पर सरकार ने मॉल, सिनेमाघर और अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों को बंद कर दिया है। अब सिर्फ बुनियादी जरुरत वाले सामानों की ही खरीदारी हो रही है। मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मार्च अंतिम महीना है, इसलिए इस महीने में सभी टैक्स संबंधी समय सीमा को पूरा करने के लिए दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, टैक्स से जुड़े कई काम हैं, जिनमें एडवांस टैक्स, जीएसटी, आयकर विभाग को जमा किया जाने वाला डिमैनेटाइजेशन नोट शामिल है, जिससे व्यापार में कमी लगातार बढ़ रही है। इन कारणों ने सोने के बाजार को मंदा कर दिया है।

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