पुणे विभाग ने जीएसटी से जमा किए 6238 करोड

0
पुणे। एन पी न्यूज 24  – पुणे विभाग को जीएसटी से 9555 करोड वसूल करने का लक्ष्य रखा गया है। जनवरी 2020 तक 6238 करोड रुपए की जीएसटी पुणे विभाग ने वसूल किए, यह दावा पुणे विभाग के अतिरिक्त आयुक्त विलास इंदुलकर ने किया। कुल 80 प्रतिशत वसूली हुई और 20 प्रतिशत वसूली बाकी है जो 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी के साथ पुणे जिले में जीएसटी समय पर न भरने व डूबाने वाले करीबन 8643 व्यापारियों का जीएसटी पंजिकरण रद्द कर दिए गए है। साथ ही निर्देश दिए गए कि जीएसटी भूगतान न करने वाले व्यापारियों पर कडी कार्रवाई की जाएगी।
जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें सबसे बड़ी राहत कारोबारियों को दी गई है. वहीं, जीएसटी की खामियों को लेकर कहा गया है कि वो तय समय में इसे खत्म करे। काउंसिल की बैठक में मोबाइल फोन्स पर लगने वाले जीएसटी दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही एयरक्रॉफ्टस की सर्विस पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। जीएसटी दरों में यह बदलाव 1 अप्रैल से लागू कर दिए जाएंगे। 1 जुलाई से जीएसटी पेमेंट में देरी करने पर ब्याज के साथ नेट टैक्स लायबिलिटी भी देनी होगी।
छोटे बिजनेस को इस बार राहत देते हुए जीएसटीएन की डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया गया है. 5 करोड़ रुपये से कम एन्युअल रिटर्न वाले कारोबारियों के लिए वित्त वर्ष 19 के लिए अंतिम डेडलाइन 30 जून 2020 होगी। काउंसिल ने वित्त वर्ष 2018 और 2019 के लिए एन्युअल जीएसटी रिटर्न भरने पर लेट फीस से राहत देने का ऐलान किया। जीएसटी माफ भी किया।
जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को हुई मीटिंग में दो करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली इकाइयों को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने में देरी पर लेट फीस को माफ करने का भी फैसला किया है. साथ ही यह भी कहा है कि जीएसटी भुगतान में देरी पर एक जुलाई से शुद्ध कर देनदारी पर ब्याज लगेगा। ये इन ईकाईयों पर ही लागू होगा, जिनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से कम होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कंपेनसेशन सेस के तौर पर 78,000 करोड़ रुपये जुटाया गया है।जीएसटी की खामियां दूर करने के लिए जुलाई तक का समय जुलाई 2020 तक इन्फोसिस बेहतर जीएसटीएन सिस्टम सुनिश्चित करेगी। इंफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणी ने इस भी बैठक में हिस्सा लिया है. नंदन निलेकणी ने जीएसटीएन संबंधिक खामियों को दूर करने के लिए जनवरी 2021 तक का समय मांगा था। काउंसिल ने इन्फोसिस को कहा कि वो मैन पावर बढ़ाकर और अपनी हार्डवेयर क्षमता बढ़ाकर तय किए गए समय में अपने काम पूरे करे। इन बातों पर बैठक में हुई विशेष चर्चा शनिवार को हुए जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में सबसे अधिक फोकस इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर, बिजनेस करने में सरलता और टैक्स अनुपालन करने में बोझ को कम करने पर था। इन्वर्टेड ड्यूटी का मतलब फिनिश्ड प्रोडक्ट्स के मुकाबले कच्चे माल पर लगने वाले अधिक टैक्स से है। इससे कारोबारियों को अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करना पड़ता है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.