कंपनी की मनमानी के खिलाफ ‘इस’ सेक्टर के कर्मचारियों द्वारा फास्ट ट्रैक ट्रब्यूनल गठित करने की मांग

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शिवाजीनगर : एन पी न्यूज 24 – आईटी कर्मचारियों को जबरन आराम पर भेजने, गैरकानूनी रूप से कटौती करने, नौकरी छोड़ने पर वेतन-भत्ता रोकने, लिविंग और अनुभव प्रमाण पत्र नहीं देने, गर्भवर्ती महिला को छुट्टी और छूट देने से इंकार करने आदि संबंधित सैकड़ों मामले अतिरिक्त कामगार आयुक्त कार्यालय के पास पेंडिंग है. जल्द से जल्द इनका हल निकालने के लिए फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल स्थापित करने की मांग फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज (फाइट) आईटी कर्मचारियों के संघटना ने की है. इस संदर्भ में संघटना ने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा है और आईटी कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने की मांग की है.
शहर में सैकड़ों आईटी कंपनियां है जिसमें हजारों आईटी कर्मचारी कार्यरत है.

आर्थिक मंदी की वजह से आईटी क्षेत्र में इसका बुरा असर हुआ है. इस क्षेत्र के कर्मचारियों पर निकाले जाने की तलवार लटकी है. जबरन इस्तीफा देना पड़ रहा है, नौकरी से गैरकानूनी रूप से निकाला जा रहा है, नौकरी छोड़ने पर वेतन और भत्ते नहीं दिए जा रहे जैसी तमाम सुविधाओं से कर्मचारियों को वंचित रखा जाता है. इसके खिलाफ कुछ आईटी कर्मचारियों ने अतिरिक्त कामगार आयुक्तालय से मदद मांगी है. लेकिन इसके बावजूद कंपनी के कर्मचारियों को काम पर नहीं रखा जा रहा है, डॉक्यूमेंट्स नहीं दिए जाते हैं. कई मामलों में कंपनी के प्रतिनिधि सुनवाई में मौजूद नहीं रहते हैं. इसकी वजह से मामले एक-दो वर्ष तक चलते रहते हैं. फिलहाल आईटी कंपनी के 50 से अधिक मामले न्याय की प्रतिक्षा में है. मामले की सुनवाई के दौरान कर्मचारियों के परिवार के खर्च, बच्चों की पढ़ाई, घर के लिए लिये गए कर्ज का हफ्ता आदि खर्च का भार सहना मुश्किल होता है. इसकी वजह से कई कर्मचारी आत्महत्या तक का प्रयास करते है तो कुछ मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं. इसलिए इन मामलों का तुरंत निपटारा करके आईटी कर्मचारियों को न्याय देने के लिए फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल गठित करने की मांग की है.

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