INSPIRATION: 3 मुस्लिम भाइयों ने अपने हिंदू चाचा की अर्थी को दिया कंधा; पहनी जनेऊ, धोती, अब मुंडवाएंगे सिर   

0

अहमदाबाद : एन पी न्यूज 24 –  प्रभावशाली लोग हमेशा से ही फुट डालों राज करो की नीति अपनाते आ रहे हैं. पहले अंग्रेजों ने यह नीति अपनाई और उनके जाने के बाद देश के नेता इस राह पर चल पड़े हैं. आज देश के नेता अपनी राजनैतिक रोटियों को सेंकने के लिए हिन्दू-मुस्लिम के बीच धर्म के नाम पर द्वेष पैदा कर रहे हैं. ऐसे में कुछ इस तरह के मामले सामने आ जाते हैं जो सत्ता के भूखे नेताओं के लिए एक तमाचा है.

जनेऊ, धोती धारण कर, अपने हिंदू चाचा की अर्थी को दिया कंधा
हिन्दू-मुस्लिम से उपर उठकर और मानवता की मिसाल पेश करने वाला एक मामला अहमदाबाद के सावरकुंडला कस्बे में सामना आया है. यहाँ पर तीन मुस्लिम भाइयों अबू, नसीर और जुबैर कुरैशी द्वारा अपने पिता के ब्राह्मण दोस्त भानुशंकर पांड्या का पूरे हिन्दू रीती-रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इसके लिए तीनों भाइयों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया, जनेऊ धारण की और धोती पहनी. वहीं नसीर के बेटे अरमान ने मुखाग्नि दी. आज पूरा शहर इन भाइयों के फैसले की पूरे मन से तारीफें कर रहा है.

40 साल पहले बने थे पिता के दोस्त, फिर बने परिवार का हिस्सा
जुबैर ने बताया कि 40 साल पहले हमारे पिताजी की भानुशंकर चाचा से पहचान हुई थी, उसके बाद हमारे परिवार जैसे रिश्ते बन गए. उनका कोई परिवार नहीं था, इसलिए वे हमारे साथ ही रहते थे. वे हमारे परिवार का हिस्सा थे. जब वो अपनी अंतिम सांसे ले रहे थे तो हमने उन्हें हिंदू परिवार से गंगाजल लाकर उन्हें पिलाया.

श्राद्ध कर्म कर, मुंड़वाएंगे सिर
तीनों भाइयों का कहना है कि उनकी इच्छा के अनुसार हमने हिन्दू-रीतिरिवाज से उनका अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया था. अब इसी के मुताबिक 12 दिन बाद श्राद्ध कर्म भी करेंगे और अपना सिर भी मुंड़वाएंगे.

पांचों वक्त के नमाजी हैं तीनों भाई
बता दें कि तीनों भाई पांचों वक्त के नमाजी हैं. उनके मुताबिक उन्होंने रमजान में कभी कोई रोजा नहीं छोड़ा हैं. लेकिन जब बात भानुशंकर चाचा की आई तो हमने ऐसा किया, क्योंकि परंपरा के मुताबिक ऐसा ही होना चाहिए था.

लेकिन धर्म और जाती-पाती की रेखा को लांघते हुए तीनों भाइयों ने जो किया है, उससे सिद्ध होता है कि मानवता जात-पात से उठकर है. चाहे कोई कितना भी धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश करें, हमें सुनना वहीं चाहिए जो मानवता के हित में हो

Leave A Reply

Your email address will not be published.