कश्मीर को लेकर आपस में भिड़ गए हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर के टीआरएफ आतंकवादी संगठन, हो सकता है खून-खराबा

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श्रीनगर :एन पी न्यूज 24 – कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठनों के बीच एक नया युद्ध छिड़ गया है। इसमें नया संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ), जिसे लश्कर-ए-तैयबा का मोर्चा कहा जाता है, और हिजबुल मुजाहिद्दीन शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष कमांडर अब्बास शेख ने संगठन छोड़कर टीआरएफ का दामन थाम लिया है। इसके बाद दोनों संगठनों में टकराव हो गया है।

‘तहरीक-ए-पीपुल्स पार्टी’ ने शुक्रवार को हाथ से लिखा हुआ एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें दावा किया गया कि इसके ऑपरेशनल कमांडर अब्बास ने हिजबुल मुजाहिद्दीन छोड़ दिया है, क्योंकि वह कश्मीरी पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारने के लिए हिजबुल की नीति से असहमत था। खूफिया सूत्रों के मुताबिक, हिजबुल मुजाहिदीन छोड़ने के बाद अब्बास शेख पूरी तरह से अंडरग्राउंड हो गया है। टीआरएफ में शामिल होने के बाद वह हिजबुल और सुरक्षाबलों से छिपता फिर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अब्बास दावा करता है कि उसके साथ 12 ऐक्टिव सदस्य हैं और कई सारे ग्राउंड वर्कर्स भी हैं।

अब्बास शेख के बारे में टीआरएफ ने भी बयान जारी किया है। इस्लामिक जिहादी लोगो और ‘रेजिस्टेंट टिल विक्ट्री’ वाली पंचलाइन के साथ एक लेटर हेड पर टीआरएफ ने कहा है, ‘कुछ दिन पहले ही हमने हिजबुल मुजाहिदीन को चेतावनी दी थी कि वह कश्मीर पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारना बंद करे लेकिन उसने शोपियां से जम्मू-कश्मीर के एक पुलिसकर्मी का अपहरण कर लिया।’ टीआरएफ ने आगे लिखा है, ‘हिजबुल मुजाहिदीन को समझना चाहिए कि हमारी लड़ाई भारतीय सुरक्षाबलों और उसके कब्जे से है, कश्मीरियों से नहीं। कश्मीरी हमारे अपने हैं और हम बिना उनके समर्थन के सुरक्षाबलों के खिलाफ नहीं लड़ सकते हैं। हमने सोचा था कि हम साथ लड़ेंगे लेकिन यह हमारी सबसे बड़ी भूल थी।’

बयान में टीआरएफ ने आगे कहा है, ‘कमांडर अब्बास शेख भाई ने हिजबुल का साथ इसीलिए छोड़ा कि वह कश्मीरियों को मारने से सहमत नहीं हैं। अब वह हमारे साथ हैं और हम हर उस शख्स के खिलाफ लड़ेंगे,जो किसी भी कश्मीर को नुकसान पहुंचाएगा। यह हिजबुल को अंतिम चेतावनी है। हमें मजबूर मत करो कि हम सख्त ऐक्शन लें। इसके बाद कोई चेतावनी नहीं, सिर्फ ऐक्शन होगा।’ इधर भारतीय जांच एजेंसियों ने पिछले महीने कश्मीर में टीआरएफ के अस्तित्व का पता लगाया था, जब सुरक्षा बलों ने उनके छह सदस्यों को भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार करके उनके संगठन के एक प्रमुख मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। वहीं टीआरएफ के चार आतंकवादी सोपोर जिला अस्पताल में हथियारों की अवैध खेप की डिलीवरी के दौरान पकड़े गए थे।

पूछताछ के दौरान आतंकवादियों ने खुलासा किया कि वे टेलीग्राम पर ‘एंड्रयू जोन्स’ नाम से एक पाकिस्तान स्थित व्यक्ति के तहत काम कर रहे थे, जिसकी व्हाट्सएप आईडी ‘खान बिलाल’ की थी। उन्होंने यह भी बताया कि जोन्स एक नवगठित आतंकवादी संगठन टीआरएफ का संचालन कर रहा था। जांचकर्ताओं ने टीआरएफ को प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा है, जिसके प्रमुख 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है।

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