मरीजों को बचाता रहा कोरोना से और जब उसकी ही जान इस वायरस ने ली तो कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया लोगों ने
चेन्नई. एन पी न्यूज 24 – चेन्नई में एक डॉक्टर कोरोना मरीजों को ठीक करने में लगा था। उसने उस समय मरीजों में हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं किया, लेकिन जब कोरोना ने उसकी ही जान ले ली तो कुछ लोगों ने उसके शव को कब्रस्तान में दफन करने को लेकर खूब हंगामा किया। यह मामला गत दिनों सामने आया। हालांकि यह अकेले मामला नहीं है। देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ंत की खबरें सामने आ रही हैं। मौत के बाद दफन करने के दौरान भी हंगामें हो रहे हैं।
प्रकरण यह है : बता दें कि चेन्नई में इस 55 वर्षीय डॉक्टर की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई। वह कोरोना मरीजों के ही इलाज में लगा था। शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले जाया गया, तो 50 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। क्बरस्तान में शव दफन करने से मना किया। मना करने पर भीड़ ने एम्बुलेंस पर हमला बोल दिया। जब भीड़ पर वहां मौजूद पुलिस काबू नहीं पा पाई, तो उन्होंने डॉक्टर के परिजनों से अपील करते हुए शव को किसी दूसरे कब्रिस्तान में ले जाने के लिए कहा, जिसके बाद दूर किसी कब्रिस्तान में डॉक्टर के शव को दफनाया गया। इस मामले में अब पुलिस की ओर से 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन, हथियार से हमला करने, सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पहले भी हुई ऐसी घटनाएं : बीते दिनों 13 अप्रैल को भी एम्बातुर के नागरिकों ने कब्रिस्तान के बाहर हंगामा किया था। तब एक 62 वर्षीय डॉक्टर की मौत कोरोना वायरस की वजह से हो गई थी और उसे जब कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले गए तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। तब भी पुलिस और स्थानीय प्रशासन की सहायता से डॉक्टर के शव को किसी दूसरे कब्रिस्तान में दफनाया गया।