हिंदुस्तान में ‘कोरोना वायरस’ पर दवा का परीक्षण शुरू, दो सप्ताह से शुरू हैं ट्रायल

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पुणे : एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस से लेकर देश से अच्छी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक, भारतीय वैज्ञानिकों ने जीवित कोरोना वायरस पर दवा का ट्रायल शुरू कर दिया है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने दो सप्ताह पहले ही परीक्षण शुरू कर दिया। इस दौरान कई दवाओं के असर को परखा जा सकता है। हालांकि इसे पूरा होने में कुछ सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं।

आईसीएमआर मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल के पहले सप्ताह में वायरस पर ड्रग ट्रायल शुरू हो चुका है। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी व आईसीएमआर के वैज्ञानिक वैक्सीन के शोध अध्ययन में भी जुट चुके हैं। परीक्षण के लिए पहले वायरस को आइसोलेट किया गया है। एक दवा का ट्रायल करने में वैज्ञानिकों को कम से कम 10 से 12 दिन का वक्त लगता ही है। इसके बाद ही सही निष्कर्ष का पता चलता है।

जानकारी के मुताबिक, केरल में वैज्ञानिकों सफलता नहीं मिली थी। कुछ ही दिन बाद मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली, लखनऊ और जयपुर से मिले 12 सैंपल पर फिर अध्ययन शुरू हुआ। करीब दो सप्ताह बाद वैज्ञानिकों को इसे अलग करने में कामयाबी मिल गई। आइसोलेट करने में लगे डेढ़ माह चीन, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, जर्मनी और अमेरिका के साथ भारत को भी कोरोना वायरस आइसोलेट करने में सफलता मिली है। पर वायरस आइसोलेट करने के 15 दिन में ड्रग ट्रायल भारत में हो सका है। वायरस डेढ़ महीने में आइसोलेट हुआ। वैज्ञानिकों के अनुसार भारत व चीन के वायरस के तीन में से दो सैंपल में 99.98 फीसदी समानता मिली थी।

आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि कोरोना वायरस का अब तक कोई उपचार नहीं है। इसे खोजने के लिए सबसे पहले हमें यह देखना होगा कि कौन सी दवा कोरोना वायरस को बेअसर करती है। इसके लिए एक पैरामीटर व दवाओं की सूची तैयार की जाती है जोकि उस वायरस के नेचर से जुड़े रोगों में इस्तेमाल होती है। चूंकि नोवल कोरोना वायरस इंफ्लूएंजा जैसा ही है इसलिए वैज्ञानिक भी दवा ट्रायल को उसी के अनुसार दिशा दे रहे हैं। करीब चार से पांच तरह की दवाओं को शामिल किया है।

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