28 करोड़ की महामारी…चीन पर लग रहे थे कोरोना वायरस फैलाने के आरोप, वुहान के लैब का निकला अमेरिकी कनेक्शन
नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस सबसे पहले चीन में फैला। इसके बाद चीन ने दावा किया कि यह जंगली जीवों के मार्केट से इंसानों में आया। फिर पता चला कि एसे वायरस चमगादड़ों में पाए जाते हैं, इसलिए हो सकता है कि यह वायरस चमगादड़ों से इंसान में आया। इसके बाद चीन के लैब पर सवाल उठने लगे। कारण भी जायज था, इसलिए कि यह लैब वुहान के जंगली जीवों के मार्केट से कुछ किलोमीटर की ही दूरी पर था। यह आलीशान लैब चीन की सबसे बड़ी लैब मानी जाती है।
इसलिए उठे सवाल : अब कुछ लोग चीन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में हो सकता है कि चमगादड़ पर प्रयोग के दौरान कोरोना वायरस लीक हो गया हो और बाद में चीन ने इसे जीवों के मार्केट से फैला वायरस कहा हो। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की इमरजेंसी कमेटी कोबरा के सदस्य ने भी लैब से वायरस फैलने की थ्योरी को भरोसेमंद कहा था।
बड़ा खुलासा : अब इस लैब के अमेरिकी कनेक्शन का खुलासा हुआ है। कुछ दस्तावेजों से पता चला है कि अमेरिकी सरकार ने वुहान लैब को 28 करोड़ रुपए वायरस पर प्रयोग के लिए दिया था। बीते कई सालों के दौरान ये रुपए दिए गए। अमेरिकी नेताओं ने इस फंड पर कड़ा एतराज जताया है। कुछ अमेरिकी नेताओं का कहना है कि जानवरों पर किए जाने वाले खतरनाक और हिंसक प्रयोग के लिए ये फंड दिए गए। अमेरिका के व्हाइट कोट वेस्ट नाम के समूह के अध्यक्ष एंथनी बेलॉटी ने भी चीन को अमेरिकी मदद दिए जाने की निंदा की थी। एंथनी ने कहा था- ‘हो सकता है कि चीनी लैब में वायरस से संक्रमित किए गए जीव या किसी और तरीके से बीमार और प्रताड़ित किए गए जीवों पर प्रयोग पूरा होने के बाद उन्हें जंगली जीवों के मार्केट में बेच दिया गया हो।