नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – लॉकडाउन के चलते सभी काम-धंधे बंद पड़े हुए हैं। आरबीआई ने इस स्थिति को देखते हुए पिछले महीने सभी तरह की ईएमआई पर तीन महीने तक मोहलत देने की घोषणा की थी। साथ ही कहा था कि यह सुविधा लेने पर ग्राहकों को लोन पर अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा। इस अतिरिक्त ब्याज को माफ करने संबंधी मांग को लेकर अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि नियमित ईएमआई के साथ अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करने का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए राज्य का कर्तव्य है कि संकट के इस समय में उधारकर्ताओं को छूट दी जाए, क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोग बेहद परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। अदालत उचित आदेश जारी करे कि सार्वजनिक हित में बैंक और वित्तीय संस्थान कम से कम मोरेटोरियम पीरियड के लिए अपने ग्राहकों से अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूलें।
यह कहा है आरबीआई ने : आरबीआई ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को हर प्रकार के टर्म लोन की ईएमआई और भुगतान को तीने महीने तक टालने का आदेश दिया है। यानी ग्राहकों को मार्च, अप्रैल और मई की ईएमआई पेमेंट न करने की मोहलत मिली है। रिजर्व बैंक के आदेश के बाद बैंकों ने ईएमआई नहीं वसूलने का फैसला कर लिया, लेकिन बैंकों ने साथ में कहा कि इन महीनों की ईएमआई पर ग्राहकों से अतिरिक्त ब्याज वसूला जाएगा।