नई दिल्ली .एन पी न्यूज 24 – देश में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1965 हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि पिछले 12 घंटों में 131 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। वर्तमान समय में देश में कोरोना वायरस के 1764 सक्रिय मामले हैं और घातक संक्रमण के कारण 50 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोर्ट ले रहा संज्ञान : इस बीच, लॉकडाउन की वजह से काम और खाने-पीने के संकट के चलते हजारों मजदूर और गरीब लोगों ने दिल्ली-एनसीआर से अपने गृह राज्यों के लिए प्रवास किया। हजारों की संख्या में लोग पैदल ही घर लौटे। पैदल घरों की ओर जाते देख सरकार ने लोगों के लिए कुछ बसों का इंतजाम किया। अब ये मामला देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है, प्रवासी मजदूरों की मदद, उनकी वापसी के लिए प्रशासन को निर्देश देने की अपील की गई है।
नए मामले यहां से : भारत में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना से सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 335 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 13 लोगों की मौत हुई है। केरल में 265 संक्रमित मरीज हैं और वहां 2 लोगों की मौत हई है। वहीं, तमिलनाडु में कोरोना वायरस करे 234 केस हैं और 1 मौत हुई है। दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों की संख्या 152 पहुंच गई है। इसमें से 6 लोगों के ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि दो लोगों की मौत हुई है।
कहां, कैसी स्थिति : देश में कोरोना वायरस के 100 मामले वाले राज्यों में राजस्थान 108 मरीज, उत्तर प्रदेश 113 मरीज और कर्नाटक में 110 मामले हैं। चंडीगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमित 9 लोगों का पता चला है, जबकि 62 मामलों की पुष्टि जम्मू-कश्मीर और 13 की लद्दाख में हुई है। पूर्वोत्तर में मिजोरम, मणिपुर, और असम से एक-एक मामले की पुष्टि की गई है।
और यह भी : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के बारे में फर्जी खबरों से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय के सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया गया है कि केंद्र सरकार ऐसी खबरों से निपटने के लिए एक वेब-पोर्टल बना रही है।
संकट में कई देश भी : कोराना के कहर के साथ-साथ दुनियाभर में एक साथ कई संकट आ गए हैं। चाहे चीन हो या अमेरिका, भारत हो या ब्रिटेन, विकासशील देश हो या विकसित, सबकी अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। दुनिया दोराहे पर खड़ी है। अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश करती है, तो लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। अमेरिका ने अर्थव्यवस्था बचाने की कोशिश में अपने करोड़ों नागरिकों की जिंदगी खतरे में डाल दी। अमेरिका में अब तक करीब 4 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। ये अमेरिका के 100 साल के इतिहास में सबसे खराब दौर है। जिन देशों ने जिंदगी बचाने के लिए लंबे लॉकडाउन की घोषणा की है, वहां आर्थिक हालात खराब होने का अंदेशा होने लगा है।
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