नई दिल्ली, 17 मार्च – एन पी न्यूज 24 – दुनिया भर में खौफ और डर का दूसरा नाम बन चुके कोरोना वायरस ने सभी का जीना मुश्किल कर रखा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना वायरस के घातक खतरे से बचने के लिए सभी देशो से अपने संदिग्ध केसों के टेस्ट पर जोर देने के लिए कहा है. डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कहा है कि हम दुनिया के सभी देशो को बस एक ही संदेश देना चाहते है और वह है टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट। सभी देश अपने हर संदिग्ध का टेस्ट करे. इस तरह से इस महामारी से बचा जा सकता है।
गौरतलब है कि सोमवार को कोरोना वायरस के लिए तैयार किये गए वैक्सीन का परिक्षण किया गया. अमेरिका में भी सोमवार से कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन का लोगों पर परिक्षण शुरू किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 45 वोलेंटियर पर परिक्षण किया जाएगा। वैक्सीन से कोरोना वायरस का खतरा नहीं है। इसमें वायरस से कॉपी किये गए हानिरहित जेनेटिक कोड होते है।
इस कार्य में लगी बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉर्डन थेरेप्युटिक्स का कहना है कि इस वैक्सीन को परिक्षण प्रक्रिया के जरिये बनाया गया है।
ब्रिटेन के इम्पीरियल कॉलेज लंदन में संक्रामक रोगों के जानकर जॉन ट्रेगोनिंग ने कहा कि यह वैक्सीन में पहले से मौजूद तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत उच्च मानक के तहत बनाया गया है। इसमें उन चीजों का इस्तेमाल किया गया है जिसे हम लोगों के उपयोग के लिए सुरक्षित समझते है और परिक्षण में भाग लेने के लिए लोगों पर बहुत ही नजदीकी से नजर रखी जाएगी।
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