पीएसआई पति की सताई पुलिसकर्मी पर ही इंसाफ के लिए चक्कर काटने की नौबत

दो साल की बेटी के साथ न्याय के लिए अधिकारियों से लगा रही गुहार

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पुणे। एन पी न्यूज 24 – लोगों को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिस बल की महिला पुलिसकर्मी, जो पुलिस उपनिरीक्षक पद पर तैनात अपने पति व ससुरालियों की प्रताड़ना से पीड़ित है, पर ही इंसाफ पाने के लिए अपनी दो साल की बेटी के साथ पुलिस थाने से लेकर आयुक्तालय तक चक्कर काटने की नौबत आई है। पुणे पुलिस बल में क्लर्क रही पीड़ित महिला पुलिसकर्मी के पति, जो पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में तैनात है, एवं उसके घरवालों के खिलाफ पुणे के खड़क पुलिस थाने में मामला दर्ज है। इसके बावजूद पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।
संदेश संभाजी इंगले (निवासी जनता बसाहट, पर्वती, पुणे) ऐसे मामला दर्ज किए गए पुलिस उपनिरीक्षक का नाम है। उसके साथ उसके पिता संभाजी इंगले, मां लक्ष्मीबाई संभाजी इंगले और बहन अश्विनी गायकवाड के खिलाफ खडक पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए, 34, 377, 420, 313, 323, 504, 506 (i) और दहेज बंदी कानून की धारा 3 और 4 क तहत मामला दर्ज किया गया है। इस बारे में 36 वर्षीय पीड़ित महिला पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई है। गत नौ वर्षों से पीड़िता को शारीरिक और मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। यही नहीं पति की मारपीट में पीड़ता का गर्भपात होने की बात भी इस शिकायत में की गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस उपनिरीक्षक संदेश इंगले और पीड़ित महिला पुलिसकर्मी का सितंबर 2011 में रजिस्टर्ड विवाह हुआ है। तब इंगले पुणे और पीड़िता गोंदिया पुलिस बल में तैनात थी। पीड़िता के सैलरी एकाउंट का एटीएम कार्ड संदेश के पास था। घर छोटा रहने से उसने वाल्हा परिसर में जमीन खरीदी थी, उसके कर्ज का भुगतान भी पीड़िता के एकाउंट से किया जाता रहा। यहां तक कि सास-ससुर के अस्पताल का बिल भी उन्होंने ही चुकाया है। जब 2014 में पीड़िता पुणे में ट्रांसफर होकर आयी तो खाना बनाना नहीं आता यह शिकायत करते हुए उनके सास- ससुर व ननन्द ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू किया। साथ ही वे लगातार संदेश के दूसरी शादी की बात करते। इससे परेशान होकर पीड़िता स्वारगेट पुलिस लाइन में आकर रहने लगी। यहां भी उनके पति और सुसराल वाले उन्हें प्रताड़ित करते, उनसे मारपीट करते।
पति और ससुराल वालों के जुल्मों से तंग आकर पीड़िता ने उनके खिलाफ महिला शिकायत निवारण कक्ष में शिकायत दर्ज कराई। तब संदेश ने दोबारा प्रताड़ित न करने और अच्छे से देखभाल करने के लिखित वचन और माफीनामा दिया। इसके बाद भी उनका बर्ताव नहीं बदला। यहाँ तक कि जब पीड़िता गर्भवती थी और डॉक्टरों ने उन्हें उनके गर्भ में जुड़वा संतान रहने की जानकारी देने के बावजूद उनकी प्रताड़ना शुरू थी। वेतन कम रहने का कारण बताकर संदेश उन्हें गर्भपात कराने को लेकर दबाव बनाता रहा। 30 जून 2015 को उसने पीड़िता से मारपीट कर उन्हें धकेल दिया जिससे उनका गर्भपात हो गया। 2017 में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया इसके बाद भी उनके पति व ससुराल वालों की प्रताड़ना बन्द नहीं हुई। इससे परेशान होकर उन्होंने पति व ससुराल वालों के खिलाफ खड़क पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। अब न्याय पाने के लिए पीड़िता जोकि खुद पुलिसकर्मी है, अपनी दो साल की बेटी के साथ थाने से लेकर पुलिस आयुक्तालय तक अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।
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