IMP NEWS: किसानों के लिए खुशखबरी! ‘इस’ नई पहल से सरकार करेगी खराब फसलों का आंकलन, फायदे के लिए 31 दिसंबर से पहले करें रजिस्ट्रेशन

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान हुई कृषि उपज के एवज में सरकार द्वारा बीमा राशि दी जाती है. लेकिन बीमा के आंकलन के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि कितनी फसल बर्बाद हुई है, इसका सही आंकलन कैसे लगाया जाए. हालांकि अब सरकार द्वारा इसका हल निकाल लिया गया है.

जी हां, सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त हुई फसल का आंकलन अब सैटेलाइट द्वारा किया जाएगा. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत सरकार यह पहल करने जा रही है. अब इस सुविधा के तहत् सैटेलाइट के साथ-साथ कृषि विभाग के कर्मचारी फिल्ड का अवलोकन भी करेंगे. इसकी मदद से स्मार्ट सैंपलिंग होगी साथ ही किसानों को बीमा दावों का भुगतान भी पहले की तुलना में जल्द हो जाएगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा यह महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. उन्होंने बताया कि फ़िलहाल  देश के 10 राज्यों के 96 जिलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत इसकी शुरुआत की गई है.

ध्यान दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसल के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2019 है. केंद्र सरकार द्वारा फरवरी 2016 में अति महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ की शुरुआत की गई थी.

इस स्थिति में मिलता है सरकार की इस बीमा योजना का लाभ

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिल सकता है जिनकी फसल ओले गिरने, जमीन धसने, जल भराव, बादल फटना और प्राकृतिक आग के कारण खराब हुई है. फसल के नुकसान का आंकलन करने के बाद भुगतान किया जाता है.

PMFBY  का ऐसे मिलेगा लाभ

>> बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को PMFBY के लिए आवेदन करना होगा.

>> किसी प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हुई फसल पर ही बीमा दिया जाएगा.
>> बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई.
>> खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई.

>> फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी.
>> प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी लाभ मिलेगा.

इतना देना पड़ता है प्रीमियम 
>> खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
>> PMFBY योजना में कॅमर्शियल और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.

फायदा लेने के लिए इन डॉक्यूमेंट की जरूरत 
>> किसान की एक फोटो, आईडी कार्ड, एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर, खेत में फसल का सबूत आदि.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में खरीफ फसल में 404 लाख किसानों ने 382 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में लगी फसल का बीमा कराया था.

फसलों को नुकसान के एवज में बीमा कंपनियों ने उन्हें 10525 करोड़ रुपये बतौर मुआवजा दिया था, जबकि केंद्र और राज्य सरकारों ने निजी व सरकारी बीमा कंपनियों को 131018 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में भरे थे.

साल 2017-18 में खरीफ फसलों का बीमा कराने वाले किसानों की संख्या घटकर 349 लाख और कृषि क्षेत्रफल 343 लाख हेक्टयर रह गया.

उस साल फसल नुकसान पर बीमा कंपनियों ने 17707 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया. वहीं, प्रीमियम के रूप में बीमा कंपनियों को 1,29,295 करोड़ रुपये की राशि मिली.

साल 2018 में नवंबर तक बीमा कराने वालों किसानों की संख्या 343 लाख हो गई. कृषि क्षेत्रफल की बात करें तो यह 310 लाख हेक्टेयर पर सिकुड़ गया. इस अवधि में बीमा कंपनियों को केंद्र व राज्य सरकारों से 11,28,214 रुपये प्रीमियम मिला.

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