पार्टी में आंतरिक ‘संघर्ष’ के चलते  बालासाहेब थोरात का सिरदर्द बढ़ा! 

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मुंबई: एन पी न्यूज 24 – राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की सरकार स्थापित होने के बाद से   शिवसेना और राकांपा ने राज्य में अपनी मजबूत स्थिति बनाई हुई है. लेकिन,  इस बीच कांग्रेस कहीं भी दिखाई नहीं दे रही हैं. इसका कारण मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्री पद को लेकर पार्टी में जारी रस्साकशी बताई जा रही है. कुछ नेता मंत्री पद के लिए दिल्ली में फील्डिंग करने में व्यस्त हैं, तो कई नेता नाराज हो गए हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी में जारी इस खींचातान के कारण पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष  बालासाहेब थोराट का सिरदर्द बढ़ गया है.

कांग्रेस के हिस्से में 12 मंत्री पद हैं, लेकिन उम्मीदवारों की संख्या अधिक है. इसलिए पार्टी में मंत्री की कुर्सी पाने की होड़ मची हुई है. कुछ नेता दिल्ली के नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं और विपक्षी पार्टी के प्रतिद्वंदी नेताओं का पत्ता काटने की राजनीति भी कर रहे हैं, जिसको लेकर बालासाहब थोराट काफी परेशान चल रहे हैं.

28 नवंबर को, शिवाजी पार्क में हुए शपथ विधी ग्रहण समारोह में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बालासाहब थोरात और नागपुर के नितिन राउत को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी. कई लोगों ने अनुमान लगाया था कि सबसे पहले अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण शपथ ले सकटे हैं.  लेकिन यह सोचना गलत साबित हुआ. इसके बाद दोनों नेता नाराज हो गए. अब,  बातें निकल कर सामने आ रही है कि, मंत्रिमंडल विस्तार में बालासाहेब थोरात के बाद महत्वपूर्ण पद के लिए पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण के बीच की रस्साकशी शुरू हो गई है. खबर है कि इसलिए दोनों ने दिल्ली में लॉबिंग शुरू कर दी है.

मंत्री पद के लिए पश्चिम महाराष्ट्र के विश्वजीत कदम, सतेज पाटिल, संग्राम थोपटे और पृथ्वीराज चव्हाण के बीच प्रतिस्पर्धा है। दूसरी ओर, प्रणति शिंदे और वर्षा गायकवाड़ भी दलित चेहरे के रूप में इस पद के लिए कोशिश कर रही हैं। वहीं मुस्लिम चेहरे के रूप में मुंबई से कांग्रेस के अमीन पटेल और नसीम खान भी अपनी पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं. विदर्भ के विजय वडेट्टीवार, सुनील केदार, मणिकराव ठाकरे और यशोमति ठाकुर की भी मंत्री पद के लिए फील्डिंग जारी है. मराठवाड़ा से, अमित देशमुख का कैबिनेट मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.

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