Supreme Court Live : पवार Vs पवार, सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र संकट पर रखे जा रहे तर्क

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – महाराष्ट्र में सियासी तस्वीर मिनट दर मिनट बदलती जा रही है। फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मसले पर सुनवाई चल रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमारे चुनाव पूर्व साझेदार के साथ नतीजे आने के बाद मतभेद हो गया। फिर एनसीपी ने पखवाड़े बाद हमें समर्थन देकर सरकार बनाने और चलाने पर सहमति बनाई। एक पवार हमारे साथ हैं और दूसरे पवार उनके साथ। यह मामला कर्नाटक के येदियुरप्पा मामले से अलग है।

कपिल सिब्बल का दमदार तर्क –
शिवसेना का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि देश मे ऐसी क्या राष्ट्रीय विपदा आ गयी थी कि सुबह 5 बजे राष्ट्रपति शासन हटा और 8 बजे मुख्यमंत्री की शपथ भी दिलवा दी गई। महाराष्ट्र में अवैध तरीके से सरकार बनाई गई है। वहीं एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है। हमारी मांग है कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराया जाए। हमारे पास 7 निर्दलीय विधायकों का भी हलफनामा है।

कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि 22 की रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने सरकार बनाने की बात कही। सभी ने कहा कि उद्धव सीएम होंगे लेकिन सुबह 5 बजे ही फडणवीस सीएम बन गए। उन्होंने कहा कि ऐसी कौन-सी इमरजेंसी थी कि सुबह सवा 5 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और शपथ दिलवा दी गई। इमरजेंसी का खुलासा होना चाहिए।

राज्यपाल ने दिया है 14 दिन का वक्त –
मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए 14 दिन का वक्त दिया है। उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर के बाद स्पीकर का चुनाव जरूरी है, लेकिन विपक्ष प्रोटेम स्पीकर से ही काम कराना चाहता है।

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