4 मई से ट्रेन चलने की उम्मीद…‘आशंकाओं’ को टालने के लिए ‘संभावनाओं’ की ट्रैक तलाश रही है भारतीय रेल

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नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – रेलवे लॉकडाउन के बाद जब भी ट्रेनें चलाएगा तो वो केंद्र ही हरी झंडी के बाद चलाएगा। केंद्र भी इस मसले पर सभी राज्यों से बातचीत के बाद ही कोई निर्देश जारी करेगा। इस बीच जिस तरह से कोरोना के मामले में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है उससे साफ है कि ट्रेनों का आपरेशन जब भी शुरू होगा वो कोरोना के डर के साये में होगा। इसलिए रेलवे में भी अलग अलग ज़ोन और डिवीज़न के अधिकारी कई तरह की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने लाखों कर्मचारियों और मुसाफिरों को सुरक्षित रखने की है। उसे स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक सभी तरह के प्रोटोकाल को भी फॉलो करना है। ऐसे में मुसाफिरों के लिए ट्रेन सेवा जब भी शुरू होगी रेलवे के ऊपर हर किसी की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेवारी होगी, इसलिए वो ट्रेन ऑपेरशन के लिए कई तरह की संभावनाओं पर विचार कर रहा है.जो इस प्रकार हैं-

– कुछ चुनिंदा ट्रेनें चलाई जाएं, जो स्पेशल ट्रेनों की तरह हों और इसका किराया ज़्यादा रखा जाए। इससे शुरू में ट्रेनों में भीड़ को कम रखने में मदद मिलेगी और केवल वही लोग यात्रा करेंगे जिनके लिए ये बेहद जरूरी हों।
– रेलवे ने 19 मार्च से ही दिव्यांगों, स्टूडेंट्स और मेडिकल ग्राउंड पर टिकटों पर मिलने वाले कंसेशन के अलावा सभी छूट पर रोक लगाई हुई है।
– रेलवे शुरू में केवल स्लीपर क्लास के कोच वाली ट्रेन चलाए और इसमें केवल उन्हीं लोगों को यात्रा करने दिया जाए जिनके पास कन्फर्म टिकट हो।
– रेलवे ने स्लीपर क्लास के 5 हज़ार से ज़्यादा डब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है। इसके लिए बीच की एक सीट को हटा दिया गया है। हालांकि अभी आइसोलेशन वार्ड के तौर पर इन डब्बों की जरूरत नहीं पड़ी है।
-शुरू में ट्रेनें केवल चुनिंदा स्टेशनों के बीच चलाई जाएं और जिन इलाकों में कोरोना के ज़्यादा मामले आ रहे हों वहां से न तो कोई आये न ही कोई ट्रेन जाए।

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