कोरोना पीड़ित’ तीन भारतीय का ‘पुराने’ तरीके से हुआ सफल इलाज

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 नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 –भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना मरीज़ों के इलाज के लिए केरल सरकार की ओर से सुझाई गई कॉन्व्लेसेन्ट प्लाज़्मा थेरेपी को मंज़ूरी दे दी है। दरअसल केरल सरकार की ओर से गठित एक मेडिकल टास्क फ़ोर्स ने मौजूदा महामारी से निबटने में प्लाज़्मा थेरेपी के इस्तेमाल की सिफ़ारिश की थी।

इसे साधारण तरीक़े से समझा जाए तो ये इलाज इस धारणा पर आधारित है कि वे मरीज़ जो किसी संक्रमण से उबर जाते हैं उनके शरीर में संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी ऐंटीबॉडीज़ विकसित हो जाते हैं। इन ऐंटीबॉडीज़ की मदद से कोरोना रोगी के रक्त में मौजूद वायरस को ख़त्म किया जा सकता है।कोरोना वायरस के इस डरावने दौर के बीच एक खुशखबरी आई है। वो ये है कि अमेरिका में रह रहे तीन भारतीय जो कोरोना वायरस कोविड-19 की वजह से गंभीर रूप से बीमार थे। अब वो ठीक हो गए हैं। वो भी पूरी तरह से। इलाज का तरीका भी चिकित्सा विज्ञान का बेहद पारंपरिक और भरोसेमंद पद्धति है। चिकित्सा विज्ञान की यह तकनीक बेहद बेसिक है। यह तकनीक भरोसेमंद भी है।

वैज्ञानिक पुराने मरीजों के खून से नए मरीजों का इलाज करने की तकनीक को कोवैलेसेंट प्लाज्मा कहते हैं। अमेरिका में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने मिलकर यही तरीका अपनाया।

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