नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – भारत में कोरोना वायरस सबसे ज्यादा युवा और कामकाजी आबादी को अपनी चपेट में ले रहा है। कोरोना वायरस के 1,801 मामलों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि युवा लोग अब तक सोच रहे थे कि वे इस रोग से कम प्रभावित होंगे, लेकिन वे गंभीर बीमार पड़ सकते हैं और मौत भी हो सकती है।
विदेशी रिपोर्ट भारत मं खारिज : चीन और इटली से आने वाली रिपोर्ट में कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस से प्रभावित होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या वृद्ध लोगों की है, लेकिन भारत में कुल कन्फर्म केसों में से 60 साल या इससे ज्यादा की उम्र वाले मरीजों संख्या सिर्फ 19 फीसदी है और 80 साल से ऊपर की उम्र वाले मात्र 2 फीसदी लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी कोरोना वायरस के निशाने पर है। अभी तक इसकी चपेट में आए लोगों में से 60 फीसदी की उम्र 50 साल से कम है। आंकड़े के मुताबिक, 1,801 कन्फर्म केसों में से 391 यानी 22 फीसदी मरीजों की उम्र 30 से 39 साल के बीच है। इसके बाद 376 यानी 21 फीसदी की उम्र 20 से 29 साल के बीच है, जबकि 17 फीसदी संक्रमित लोगों की उम्र 40 से 49 साल के बीच है।
एक और अहम बात सामने : इस वायरस से जुड़ी बारीकियों में से एक बात यह है कि किसी व्यक्ति में यह संक्रमण बहुत हल्का हो सकता है, जहां संक्रमण के कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखते, लेकिन फिर भी वह व्यक्ति इस वायरस का वाहक बन सकता है और उस व्यक्ति से यह दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकता है। इसलिए हर किसी को सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखनी चाहिए और हाथ साफ रखने के नियमों का सख्ती से पालन करने की जरूरत है।
ट्रेंड तो यही बता रहा है : इटली, स्पेन और अमेरिका से जो नये आंकड़े आ रहे हैं, वे दिखाते हैं कि किशोरों की तुलना में वयस्कों को अस्पताल में भर्ती कराने का दर ज्यादा है और तुलनात्मक रूप से उनमें से ज्यादातर को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है। मृत्यु दर अभी कम है, लेकिन मौतें हो रही हैं। यहां भी हमें वैसा ही ट्रेंड देखने को मिल सकता।