मन की बात में जीने की राह…माफीनामे के साथ मोदी ने कहा- जीना है तो ‘यह जहर’ पीना ही है 

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नई दिल्ली.एन पी न्यूज 24 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 63वीं बार मन की बात की। इस बार का कार्यक्रम कोरोना वायरस यानी कोविड- 19 पर फोकस है। कोरोना पर इससे पहले दो बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं पीएम मोदी। उन्होंने कहा- कोरोना को लेकर बहुत सारे लोगों के मन में अभी भी यह भय व्याप्त है, लेकिन अभी तक के आंकड़े देखें तो कोरोना संक्रमण के बाद भी दुनियाभर में हजारों मरीज ठीक हो चुके हैं।

हाल ही में एम्स द्वारा मरीजों के लिए जारी जागरूकता दिशा-निर्देश पुस्तिका में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना संक्रमित केवल 20 फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ती है, जिनमें से कुछ को गहन चिकित्सा निगरानी कक्ष में रखना पड़ता है जबकि 80 फीसदी मरीज घर में आइसोलेशन में रहकर खुद ही ठीक हो जाते हैं।  भीड़-भाड़ से बचें और बार-बार हाथ धोते रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे हालात के बीच लॉकडाउन से हुई परेशानी के लिए लोगों, खासकर मजदूरों तथा कम आमदनी वाले लोगों से रविवार को माफी मांगते हुए देशवासियों से कोरोना को परास्त करने के लिए डॉक्टरों की सलाह मानने और लॉकडाउन का पालन करने की अपील की। पीएम मोदी की   खास बातें…

– लॉकडाउन लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था
– कठिनाई के लिए क्षमा मांगता हूं, पर बीमारी का प्रकोप फैलने से पहले ही उससे निपटना चाहिये
– कोरोना का खात्मा करने का संकल्प लेकर ही आगे बढ़ना होगा
– आने वाले कई दिनों तक धैर्य बनाए रखने के साथ लक्ष्मणरेखा का पालन करना ही है
– अगर लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी
-कुछ देशों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, इसकी वे आज कीमत चुका रहे हैं
– इस संघर्ष में अग्रिम पंक्ति में लगे कई योद्धा खासकर नर्स बहनें, डाक्टर पारामेडिकल स्टाफ कोरोनो को पराजित कर चुके हैं, उनसे प्रेरणा लेनी है
– कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका सामाजिक दूरी है
-इस संकट की घड़ी में गरीबों, भूखें लोगों की हमें मदद करनी चाहिए, यही हमारे संस्कार और संस्कृति है
सीधी बात- राम ने बात मानी और जीत गए : पीएम मोदी ने हैदराबाद के आईटी विशेषज्ञ रामगंपा तेजा से बात की। राम ने उन्हें बताया कि वह आईटी सेक्टर की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिये दुबई गये थे। दुबई से भारत वापस आते ही उन्हें बुखार हुआ। हैदराबाद में एक अस्पताल में उन्हें कोरोना के परीक्षण में संक्रमण की पुष्टि हुई। राम ने बताया कि उन्होंने डाक्टरों की देखरेख में इलाज कराया और 14 दिन बाद ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी मिली। प्रधानमंत्री ने उनके अनुभवों से देशवासियों से सबक लेने की अपील करते हुये कहा कि राम ने हर उस निर्देश का पालन किया जो डाक्टर ने दिये, तभी वह कोरोना को पराजित कर स्वस्थ हो सके।

-मोदी ने एक परिवार से भी बात की। उन्होंने बताया कि कैसे पूरा परिवार इस बीमारी से लड़ा। मोदी ने परिवार को बताया कि अब वे आसपास के लोगों को घर में रहने के लिए जागरूक करें।
-डॉ नीतीश गुप्ता से बात की। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें इलाज में जरूरी सभी सामान सरकार दे रही है। डॉक्टर ने बताया कि लोग बाहर हो रही मौतों को देखकर डर जाते हैं। फिर उन्हें समझाना पड़ता है कि आपका केस उतना बिगड़ा हुआ नहीं है।
-पुणे के बोरसे डॉक्टर से भी मोदी ने बात की। डॉक्टर ने बताया कि बार-बार हाथ धोने चाहिए। खांसते वक्त रूमाल का यूज करना चाहिए। अगर पॉजेटिव आएं या शक हो तो घर पर ही रहें। बोरसे ने कहा कि उन्हें यकीन है कि देश यह लड़ाई जीतेगा। मोदी ने कहा कि देश को डॉक्टर की बात सुननी चाहिए।

-मोदी ने बताया कि आचार्य चरख ने डॉक्टरों के लिए कहा था कि धन और किसी कामना के लिए नहीं मानवता से काम करता है वह सर्वश्रेष्ठ। मोदी ने बताया कि मेडिकल सर्विस में लगे 20 लाख लोगों का 50-50 लाख का बीमा किया गया।

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