पटना : एन पी न्यूज 24 – आखिकार 7 साल बाद निर्भया के चारों गुन्हेगारों को कल दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गयी। जिसके बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया। कौन भूल सकता है वो 16 दिसंबर 2012 की तारीख जब दोषी मुकेश, विनय, अक्षय, पवन, राम सिंह और एक नाबालिग ने निर्भया के साथ बर्बरता से गैंगरेप किया था। इस वारदात ने पुरे देश को शर्मसार कर दिया था। सड़क से लेकर संसद तक इसकी आवाज उठी और कल आखिकार निर्भया को इंसाफ मिल ही गया। फांसी के बाद दोषी अक्षय के गांववालो ने कहा कि उसने इस गांव की इज्जत मिट्टी में मिला दिया।
दरअसल अक्षय बिहार औरंगाबाद से 35 किमी दूर कर्मालहंग गांव का रहने वाला था। गांववालो का ये मानना है कि गांव का लड़का था तो दुख सबको हुआ लेकिन अफ़सोस कुछ नहीं। जैसा काम करेगा उसकी सजा तो भुगतना पड़ेगा। गांववालो के मुताबिक, जब से निर्भया का मामला हुआ है तब से पूरा गांव तंग था। हमारे रिश्तेदार भी आते थे तो पूछते थे कि अक्षय का घर कौन सा है? उसका घर देखने के लिए जाते हैं। बड़ी शर्म आती थी। गलत काम तो किया था, उसी की अब सजा मिली है।’ लोगों का अक्षय के नाराजगी थी।
क्या कहा गांव की मुखिया –
गांव की मुखिया मालती देवी ने कहा कि ‘अक्षय ने जैसा किया उसे वैसी ही सजा मिल रही है। गांव के लड़के को फांसी हो रही है इसका दुख जरूर है। अक्षय के चलते उसका परिवार भी नरक भोग रहा है। अक्षय की पत्नी पुनीता देवी अपने बेटे को लेकर दिल्ली गई है। पुनीता के साथ अक्षय का बड़ा भाई विनय भी दिल्ली गया है। घर में माता-पिता और एक भाई है।’ एक गांव वालो का कहना है कि अक्षय का इस गांव से कोई नाता नहीं है। उसने हमारे गांव की इज्जत मिट्टी में मिला दी।
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