‘सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें… दूरी ही कोरोना को रोकने का अचूक इलाज 


social distancing

नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 –  कोरोना वायरस की घबराहट को कम करने के लिए सभी देशों के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर ‘सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए कहा गया है। यानी जब तक इसका इलाज नहीं आ जाता, तब तक लोगों को एक दूसरे से दूर रहने, वर्क फ्रॉम होम करने और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ नहीं बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

वायरस की खासियत :
वास्तव में, वायरस के संक्रमण के शुरुआती लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन 5 दिन लगते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है। हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है।  कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण हो चुका होता है, लेकिन वैज्ञानिक और डॉक्टरों का कहना है कि दस व्यक्ति को बीमार होने से पहले भी वो ये वायरस किसी दूसरे को ट्रांसफर कर सकता है।

इसलिए यह सलाह :
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते हैं। इन कणों में कोरोना वायरस के किटाणु मिले होते हैं। जब कोई संक्रमित व्यक्ति नज़दीक आता है तो ये कण सांस के रास्ते आपके शरीर में एंट्री कर सकते हैं। अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो इसी तरह ये कण आपके शरीर में पहुंच जाते हैं। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्लूएचओ ने लोगों से दूरी बनाकर सोशल डिस्टेंटिंग रखने के लिए कहा है।

यह होता है संक्रमण में : ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसी कारण कोरोना से बचने के लिए लोगों को एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देने, एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करने या फिर हाथ न मिलाने के लिए कहा जा रहा है। इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण पहले बुख़ार आता है, उसके बाद सूखी खांसी और साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो जाती है।

इसलिए एडवायजरी : इन तमाम आशंकाओं के खारिज करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी सोशल डिसटेंसिंग एडवायज़री के अनुसार जहां-जहां अधिक लोगों के एक दूसरे के संपर्क में आने की संभावना है उस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए हैं। सभी शैक्षणिक संस्थानों (स्कूल, विश्वविद्यालय आदि), जिम, म्यूज़ियम, सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्रों, स्विमिंग पूल और थिएटरों को बंद रखने की सलाह दी है. छात्रों को घरों में रहने की सलाह दी गई और उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने को कहा गया है.
सरकार ने कहा है कि परीक्षाओं को स्थगित करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है। फिलहाल चल रही परीक्षाएं ये सुनिश्चित करके करवाई जाएं कि छात्रों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी हो।
एडवायजरी में और शामिल बातें –
-प्राइवेट क्षेत्र के संस्थानों से कहा गया है कि हो सके तो अपने कर्मचारियों से घर से काम करवाएं।
– बहुत ज़रूरी ना हो तो बड़ी बैठकों को स्थगित करें या उनमें लोगों की संख्या को कम करें।
-रेस्त्रां को सलाह दी गई है कि वो हैंडवॉश प्रोटोकॉल का पालन करवाएं,  टेबल के बीच में कम से कम एक मीटर की दूरी रखें।
-जो शादियां पहले से तय हैं, उनमें कम लोगों को बुलाया जाए।
-सभी तरह के गैर-ज़रूरी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया जाए।
-एक दूसरे से हाथ मिलाने और गले लगने से बचना चाहिए।
-किसी भी तरह की गैर – ज़रूरी यात्रा ना करें और बस, ट्रेन, हवाई जहाज़ में यात्रा करते वक्त लोगों से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है।
-कमर्शियल एक्टिविटीज़ में लगे लोग ग्राहकों के साथ एक मीटर की दूरी बनाए रखें। साथ ही प्रशासन बाज़ारों में भीड़ कम करने के लिए कदम उठाएं।
-सभी अस्पतालों को कोविड-19 से जुड़े ज़रूरी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. साथ ही परिवार, दोस्तों, बच्चों को अस्पताल में मरीज़ों के पास जाने न दें।
-ऑनलाइन ऑडरिंग सर्विस में काम करने वालों को ख़ास तौर पर अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।


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