महिलाओं को बड़ा तोहफा ! सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद  नौसेना में भी महिलाओं को भी मिलेगा स्थाई कमीशन 


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नई दिल्ली, 18 मार्च – एन पी न्यूज 24 – सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 17 मार्च 2020 को नौसेना में महिला अधिकारियो के स्थाई कमीशन मामले पर महिलाओ बड़ा उपहार दिया है।  कोर्ट ने साफ कर दिया है कि नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिया जाएगा।  कोर्ट ने कहा है कि महिलाओ और पुरुष अधिकारियो में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। महिला अधिकारी भी पुरुष अधिकारी की तरह काम करती है इसलिए उनके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार की याचिका ख़ारिज 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओ पर लैंगिक आधार पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।  कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका ख़ारिज कर दिया है जिसमें महिला अधिकारियों की शारीरिक सीमाओं का हवाला दिया गया था.
स्थाई कमीशन का मतलब क्या है ? 
इसका मतलब यह है कि कोई अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकते है और इसके बाद वह पेंशन के भी हकदार होंगे। इसके तहत वे अधिकारी भी स्थाई कमीशन में जा सकती है जो अभी शार्ट सर्विस कमीशन में काम कर रही है।
इसमें 14 साल में रिटायरमेंट दिया जाता है और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलता है।  इसकी वजह से महिलाएं केवल 10 साल तक ही नौकरी कर पाती थी।
शार्ट सर्विस कमीशन क्यों शुरू किया गया था 
सेना  अधिकारियो की कमी को पूरी करने के लिए शार्ट कमीशन शुरू किया गया था. इसमें महिला और पुरुषो दोनों को शामिल किया गया था लेकिन स्थाई कमीशन के लिए केवल पुरुष ही आवेदन कर सकते थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेना में महिला अधिकारियो की नियुक्ति एक विकासवादी प्रक्रिया है।  सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए महिला अधिकारियो को सेना में स्थाई कमीशन पर  मुहर लगा दी।

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