एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया पर वार कर सकते हैं, वायरस पर नहीं और कोरोना वायरस है

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नई दिल्ली एन पी न्यूज 24-
अधिकतर जुकाम या फ्लू वायरस के कारण होते हैं, इसलिए एंटीबायोटिक इन पर असरदार नहीं होते, क्योंकि एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया पर वार कर सकते हैं, वायरस पर नही। इसलिए कोरोना वायरस के लिए एंटीबायोटिक असर नहीं डाल सकते।
दरअसल, पेनिसिलीन जैसी ये दवाएं बैक्टीरिया की कोशिका की दीवार पर हमला करती हैं। ऐसे में बैक्टीरिया जिंदा नहीं रह पाता और बीमारी दूर हो जाती है। लेकिन वायरल इंफेक्शन के दौरान भी कई बार एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा तब जब वायरस के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम इतना कमजोर हो चुका हो कि बैक्टीरिया भी शरीर पर हमला करने में कामयाब होने लगें।

कई बार कुछ ऐसी बीमारियां भी हो जाती हैं जो हमेशा के लिए शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में टॉनसिलाइटिस से लेकर निमोनिया और मेनिंगनाइटिस तक अलग अलग तरह के असर हो सकते हैं।इसलिए एंटीबायोटिक लेना जरूरी हो जाता है।कोविड-19 के मामले में श्वसन प्रणाली का निचला हिस्सा प्रभावित होता है ऐसे में सूखी खांसी होती है, सांस लेने में तकलीफ होती है और निमोनिया हो सकता है। इसके वायरस हवा से नहीं फैलते। और खास कर जिस नॉवल कोरोना वायरस की अभी बात हो रही है वह हवा में नहीं रहता, बल्कि वह खांसी के दौरान मुंह से निकली बूंदों से फैलता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाई जाए। यही वजह है कि बार बार और अच्छी तरह हाथ धोने की हिदायत दी जा रही है। और भी अच्छा होगा अगर हाथ धोने के बाद टिशू पेपर से हाथ पोंछ कर उसे फेंक दिया जाए। संक्रमित व्यक्ति का तौलिया इस्तेमाल करने से भी वायरस आप तक पहुंच सकता है।

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