मुंबई : एन पी न्यूज 24 – भाजपा नेता की विवादित पुस्तक को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई हैं. इन सबके बीच शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति उदयनराजे भोसले ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फे्रंस करके अपना रूख साफ किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधा. कई लोग खुद को जानता राजा के रूप में देखते हैं. लेकिन जानता राजा कहने का हक उन्हें किसने दिया. इस दुनिया में केवल एक ही जनता के राजा है, वे शिवाजी महाराज है. ऐसे में किसी को भी जनता का राजा कहा जाता है, मैं उसका विरोध करता हूं. उनके इस हमले का राष्ट्रवादी नेता जीतेंद्र आव्हाड़ ने जवाब दिया है.
आव्हाड़ ने कहा कि महोदय शरद पवार जाणता राजा है. महाराष्ट्र की बेहद बारीकी से अध्ययन करने वाले नेता शरद पवार है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था की समस्या, औद्योगिक बस्तियों के सवाल, किसानों के मुद्दे, किसान मजदूरों की समस्याओं, स्त्रियों की तकलीफों जैसे कई मुद्दों की उन्हें जानकारी है. इसलिए शरद पवार जाणता (जनता के) राजा है.
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण, कोंकण रेलवे, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी का नाम, जेएनपीटी ऐसे कितने प्रोजेक्ट्स बताऊं. उनका पिछले 60 वर्षों में महाराष्ट्र के सर्वांगीण विकास में सबसे अधिक योगदान रहा है. उदयनराजे पर बाबासाहेब पुरंदरे का संस्कार है. हम किसी को लोकनायक मानते हैं, लोकनेता मानते हैं. उसी तरह से शरद पवार को जाणता राजा मानते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज हम किसी को नहीं मानते हैं. किसी के घर में बेटे का नाम शिवाजी रखा तो क्या एनओसी सातारा से मंगाना होगा क्या? शिवराय के प्रेम पर यह नाम रखा जाता है.
1960 से 2020 के इन 60 वर्षों का लंबा अनुभव शरद पवार के पास है. 90 के दशक में सातारा के उदयनराजे ने केवल 156 वोट मिले थे. शिवाजी के वारिस को लेकर सातारा के लोगों की क्या राय है? यह उन्होंने बता दिया था. पवार साहेब के आशीर्वाद से वे यहां तक पहुंचे है. लोकसभा चुनाव में शरद पवार ने अपना हाथ खींच लिया तो क्या हुआ? यह पूरा भारत ने देखा है. हम महाराज की गद्दी का मान रखते हैं लेकिन वारिस खुद को महाराज नहीं समझे. हमें उदयनराजे के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है.
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